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09 December 2025

वंदे मातरम् की चर्चा पर सवाल उठाने वाले लोगों को अपनी सोच पर विचार करना चाहिए: गृह मंत्री अमित शाह

राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को देश भक्ति, त्याग और राष्ट्र चेतना का प्रतीक बताते हुए सोमवार को कहा जो लोग इस समय इसकी चर्चा करने के औचित्य और जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें अपनी सोच पर नये सिरे से विचार करना चाहिए।

शाह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष होने पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए उम्मीद जतायी कि इस चर्चा के माध्यम से देश के बच्चे, युवा और आने वाली पीढ़ी यह बात समझ सकेगी कि वंदे मातरम् का देश को स्वतंत्रता दिलाने में क्या योगदान रहा है।

 

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उन्होंने कहा कि लोकसभा में इस विषय पर कुछ लोगों ने यह प्रश्न उठाया था कि आज वंदे मातरम् पर चर्चा क्यों होनी चाहिए। शाह ने कहा कि वंदे मातरम् के प्रति समर्पण की जरूरत, जब यह बना तब थी, आजादी के आंदोलन में थी, आज भी है और जब 2047 में महान भारत की रचना होगी, तब भी रहेगी।

 

शाह ने कहा कि यह अमर कृति ‘‘भारत माता के प्रति समर्पण, भक्ति और कर्तव्य के भाव जागृत करने वाली कृति है।’’

 

गृह मंत्री ने कहा कि जिन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि आज इस पर चर्चा क्यों की जा रही है, उन्हें अपनी समझ पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस चर्चा को पश्चिम बंगाल में होने जा रहे चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बंगाल चुनाव से जोड़कर राष्ट्रीय गीत के महिमामंडन को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

लोकसभा में सोमवार को इस विषय पर हुई चर्चा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर इस समय चर्चा कराये जाने की जरूरत पर प्रश्न उठाये थे।

 

शाह ने कहा कि यह बात अवश्य है कि बंकिमचंद्र चटर्जी ने इस रचना को बंगाल में रचा था किंतु यह रचना न केवल पूरे देश में बल्कि दुनिया भर में आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों के बीच फैल गयी थी। उन्होंने कहा कि आज भी कोई व्यक्ति यदि सीमा पर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देता है तो यही नारा लगाता है। उन्होंने कहा कि आज भी जब कोई पुलिसकर्मी देश के लिए अपनी जान देता है तो प्राण देते समय उसके मुंह में एक ही बात होती है, ‘वंदे मातरम्’।

 

शाह ने कहा कि देखते देखते आजादी के आंदोलन में वंदे मातरम देश भक्ति, त्याग और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन गया है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि ‘‘बंकिम बाबू’’ ने इस गीत को जिस पृष्ठभूमि में लिखा, उसके पीछे इस्लामी आक्रांताओं द्वारा भारत की संस्कृति को जीण-शीर्ण करने के प्रयास और ब्रिटिश शासकों द्वारा एक नयी संस्कृति को थोपने की कोशिशें की जा रही थीं।

 

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TAGS: discussion of Vande Mataram, Home Minister Amit Shah
OUTLOOK 09 December, 2025
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