क्या भाजपा में सब कुछ ठीक? टिकट बंटवारे पर चल रही नाराजगी
लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद पार्टियां उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक चार लिस्ट जारी कर चुकी है। कई लोकसभा सीटों पर पुराने धुरंधरों का टिकट काट दिया गया है, जिसे लेकर विवाद भी सामने आ रहे हैं। नवादा से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह जहां नाराज चल रहे हैं वहीं अलीगढ़ से भाजपा नेता और मौजूदा सांसद सतीश गौतम की उम्मीदवारी का विरोध शुरू हो गया है। इसके अलावा अभी तक ज्यादातर असंतोष के स्वर बिहार से उभरकर सामने आए हैं। कई नेता हैं, जो जेडीयू के साथ सीटों के बंटवारे से खुश नहीं हैं।
अलीगढ़ में सतीश गौतम के विरोध में कल्याण सिंह
अलीगढ़ में सतीश गौतम की दावेदारी का यूपी भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह ने विरोध किया है। मौजूदा वक्त में राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह ने कहा कि उन्होंने (सतीश गौतम) कोई काम नहीं कराया है। इसे लेकर पूरे जिले में काफी असंतोष है। कल्याण सिंह ने सतीश गौतम का विरोध कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को इंतजार करने को कहा है।
बिहार में सबसे ज्यादा असंतोष
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा तो कर लिया गया लेकिन घमासान अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसी कई सीटें हैं जहां घटक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच ना सिर्फ असमंजस की स्थिति है बल्कि आक्रोश भी देखा जा रहा है। सीटों को लेकर सीवान में जबरदस्त विरोध देखने को मिला है। दरौंदा में कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल सीवान भारतीय जनता पार्टी की सिटिंग सीट थी और ओम प्रकाश यादव यहां के सांसद हैं। सीट बंटवारे में यह सीट जदयू को दे दी गई है। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। सीवान के मौजूदा सांसद ओम प्रकाश यादव वहां से दो बार सांसद चुने जा चुके हैं। शहाबुद्दीन से उनकी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। पहले निर्दलीय सांसद के तौर पर चुनाव जीतने वाले ओम प्रकाश यादव ने बाद में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली थी। 2014 में भाजपा के टिकट पर ओमप्रकाश यादव चुनाव जीते थे। सीट बंटवारे में सीट जदयू को दिए जाने के बाद ओम प्रकाश यादव ने सार्वजनिक तौर पर अपना दुख जताया था। उन्होंने कहा था कि ईमानदारी पूर्वक काम करने का उपहार मिला है कि उनकी सिटिंग सीट जदयू को दे दी गई है।
वाल्मीकिनगर और गोपालगंज सीट
वाल्मीकिनगर और गोपालगंज की सीट भी जदयू को दे दी गई है। दोनों जगहों पर भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसदों का टिकट कट गया है। झंझारपुर की सीट की भी यही स्थिति है। गोपालगंज के सांसद जनक राम ने हालांकि काफी दरियादिली दिखाई है। उन्होंने कहा है कि सीट भले ही जदयू को दे दी गई है लेकिन एनडीए प्रत्याशी को जिताने की वह हर संभव कोशिश करेंगे। वाल्मीकिनगर में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी देखी जा रही है। झंझारपुर की सीट भी जदयू को दे दी गई है। इससे पहले वीरेंद्र सिंह यहां से सांसद रहे हैं।
गिरिराज सिंह को भेजा गया बेगूसराय
अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद गिरिराज सिंह की नवादा सीट लोजपा को दिए जाने से वह नाराज चल रहे हैं। उन्हें बेगूसराय से मैदान में उतारा जा रहा है। इससे पहले गिरिराज सिंह ने कहा था कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। प्रदेश अध्यक्ष से मैंने कहा था कि अगर चुनाव लड़ूंगा तो नवादा से ही लड़ूंगा। पार्टी ने बेगूसराय में सिंह की छवि और जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन पर दांव चला है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव लड़ने के लिए अंदर से तैयार हैं लेकिन बाहर से कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे खुद बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं बल्कि पार्टी उन्हें बेगूसराय भेज रही है।