'बहन का टिकट' बना संदीप दीक्षित और अजय माकन के बीच तकरार की वजह!
बहन को टिकट नहीं दिए जाने को लेकर संदीप दीक्षित खुलकर अजय माकन के सामने आ गए हैं। दरअसल, कांग्रेसी नेताओं की यह लड़ाई टिकट से कहीं अधिक वर्चस्व की है। इन दिग्गज नेताओं के बीच खींचतान का असर नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की तैयारियों और राजधानी में कांग्रेस संगठन के भविष्य पर भी पड़ना तय माना जा रहा है।
दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जिस तरह टिकटों में अनदेखी का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक तौर पर प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को कटघरे में खड़ा किया, उससे कांग्रेस आलाकमान भी सकते में है। पूर्वी दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके संदीप दीक्षित ने अजय माकन पर कई सवाल दागे हैं। संदीप दीक्षित बहन लतिका को टिकट न मिलने से नाराज बताये जा रहे हैं।
संदीप दीक्षित के अलावा दिल्ली कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी अजय माकन से खुश नहीं हैं। अजय माकन से पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले अरविंदर सिंह लवली, वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक कुमार वालिया और हारून युसूफ भी पार्टी में अपना वर्चस्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं। कांग्रेस के असंतुष्टी नेता विरोध के लिए एक मंच पर आने की कोशिश भी कर रहे हैं।
इस तरह का विरोध एक समय पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का भी हुआ था, जब करीब 20 विधायक खुले तौर पर उनके खिलाफ लाम बंद हुए थे।
लेकिन तब आलाकमान ने विरोधियों की एक नहीं सुनी थी। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अजय माकन की ताजपोशी राहुल गांधी के कहने पर की गई थी। उनका शीला दीक्षित से छत्तीस का आंकड़ा भी जगजाहिर रहा है। ऐसे में संदीप दीक्षित और माकन के बीच असली लड़ाई दिल्ली कांग्रेस का चेहरा बनने की भी है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अजय माकन के लिए नगर निगम चुनावों में करो या मरो की स्थिति है। इसी से दिल्ली में कांग्रेस का भावी चेहरा भी तय होगा।