त्रिपुरा जीत के बाद BJP पर लगा सीपीएम दफ्तरों में तोड़फोड़ का आरोप, लेफ्ट ने किया विरोध
त्रिपुरा जीत के बाद भाजपा पर सूबे में हिंसा फैलाने के आरोप लगने लगे हैं। सीपीआईएम ने आरोप लगाया है कि भाजपा समर्थकों ने उसके कई दफ्तरों में तोड़फोड़ की है। इसके अलावा रूसी क्रांति के नायक रहे व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा गिराने को लेकर भी लेफ्ट ने भाजपा की ओलोचना की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गवर्नर तथागत रॉय और डीजीपी एके शुक्ला से सरकार बनने त्रिपुरा के हालात पर नजर रखने को कहा है। साथ ही हिंसा प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।
इधर तोड़फोड़ पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, "मैं इस हिंसा का कड़ा विरोध करता हूं। लोकतंत्र में यह स्वीकार नहीं है। हम कई दल वाले लोकतंत्र हैं। इसमें कुछ पार्टियां जीतती हैं तो कुछ हारती हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि वे तोड़फोड़ और हिंसा करें। जैसा कि लेनिन की मूर्ति का ढहाया गया।"
I strongly condemn this violence this is not acceptable in a democracy. We are a multi party democracy, some parties win and some lose, does not mean they can resort to vandalism&violence like demolition of Lenin statue will take place. Law needs to take its course: D, Raja, CPI pic.twitter.com/L3nl0UUgm6
— ANI (@ANI) March 6, 2018
वहीं सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा, "त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है ये साफ करती है कि आरएसएस-भाजपा का रुझान क्या है। हिंसा के अलावा उनका कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। त्रिपुरा की जनता इसका उत्तर देगी।"
#Tripura mein jo hinsa ho rahi hai yeh sapasth hai ki RSS-BJP ka rujhan kya hai. Hinsa ke alawa unka rajneetik bhavishya kuch hai nahi. Tripura ki janta iska jawaab degi: Sitaram Yechury, CPI-M in Kolkata pic.twitter.com/LUuKzvrfWF
— ANI (@ANI) March 6, 2018
जबकि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने वामदोलों पर पलटवार करते हुए कहा कहा, "त्रिपुरा में मार्क्सवादियों ने हमारे 9 कार्यकर्ताओं को मार दिया। कर्नाटक में कांग्रेस के कुशासन के चलते बीजेपी के 24 कार्यकर्ता मारे गए। आने वाले चुनावों जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
बता दें कि लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से वामपंथी दल और उनके कार्यकर्ता नाराज हैं। इस घटना की सीपीआई(एम) ने आलोचना की है। पार्टी ने वामपंथी कैडरों और कार्यालयों पर हुए हमलों की सूची जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर उनके कार्यकर्ताओं को डराने और उनके मन में भय पैदा करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि ये हिंसक घटनाएं प्रधानमंत्री द्वारा बीजेपी को लोकतांत्रिक बताने के दावों का मजाक है।