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17 December 2018

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के साथ टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू भी लेंगे शपथ

छत्तीसगढ़ में 15 सालों से राज कर रही भाजपा को सत्ता से हटाने में कामयाब हुई कांग्रेस सोमवार को प्रदेश में सरकार गठन करने जा रही है। इस दौरान भूपेश बघेल मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। वहीं, बतौर मंत्री टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू भी आज शपथ लेंगे।

कांग्रेस दो लोगों को शपथ दिलाकर सरकार के कामकाज को गति देने और वादों पर अमल का काम शुरू कर देगी। क्योंकि कांग्रेस के कई दिग्गज जिस तरह से चुनाव जीतकर आये हैं और उनकी जैसी अपेक्षाएं हैं, उसको देखकर लग रहा कि मंत्रियों का चयन कांग्रेस के लिए काफी माथापच्ची वाला होगा। 

छत्तीसगढ़ के पहले सीएम जो विधायकों के बीच से ही होंगे

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बघेल छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बनेंगे, जो विधायकों के बीच से ही होंगे। अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनने से पहले किसी सदन के सदस्य नहीं थे और डॉ. रमन सिंह लोकसभा के सदस्य थे। दोनों को मुख्यमंत्री बनने के बाद उपचुनाव लड़कर विधानसभा का सदस्य बनना पड़ा। जोगी तब बीजेपी के विधायक रामदयाल उइके से इस्तीफा दिलाकर मरवाही से लड़े थे और रमन सिंह अपने ‌लिए पार्टी के विधायक प्रदीप गाँधी से सीट खाली करवाई थी।

मंत्रिमंडल गठन बड़ी चुनौती 

कांग्रेस ने 15 साल सत्ता से  बाहर रहने के बाद प्रचंड बहुमत से वापसी की है। कांग्रेस के 68 विधायक हैं और कई  दिग्गज चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। इस कारण मंत्रिमंडल गठन बड़ी चुनौती बना हुआ  है।  आज मुख्यमंत्री के साथ मुख्यमंत्री के दो अन्‍य दावेदार रहे टीएस सिंहदेव  और ताम्रध्वज साहू को मंत्री पद की शपथ दिला दी जाएगी।  अल्पसंख्यक कोटे से मोहम्मद अकबर का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अकबर जोगी  में मंत्री रह चुके हैं और पिछले दो कार्यकाल में तेज तर्रार विधायक के तौर  पर पहचान भी बनाई है। अकबर ने राज्य में सबसे ज्यादा 59 हजार से अधिक वोटों से जीतने का रिकार्ड भी  बनाया है।

दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे भी मंत्री की दौड़ में हैं।  एक अमितेश शुक्ल, स्व. श्यामाचरण शुक्ल के बेटे है और दूसरे अरुण वोरा मोतीलाल वोरा के बेटे है।  दोनों ही ब्राह्मण हैं। इस बार कांग्रेस में ब्राह्मणों के प्रतिनिधित्व लेकर बड़ी चुनौती दिख रही है। ब्राह्मणों में इन दोनों के अलावा सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे और रमन मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल को हराकर शैलेश पांडे के साथ राजेश मूणत को हराकर विकास उपाध्याय विधानसभा पहुंचे हैं। शर्मा और चौबे दोनों ही संयुक्त मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राज्य में ‌नियमानुसार 12 से अधिक मंत्री नहीं बना सकते, ऐसे ही आबादी के हिसाब से दो से अधिक  ब्राह्मण मंत्री नहीं बना सकते। भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू दोनों दुर्ग जिले से हैं, ऐसे में दुर्ग जिले के अरुण वोरा की संभावना कम लग रही है। उन्हें कोई और पद दिया जा सकता है।

एससी की दस में से सात सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। आबादी के मुताबिक पहले दो मंत्री मंत्रिमंडल में थे, लेकिन कांग्रेस एक से अधिक को मंत्री बनाने की स्थिति में नहीं लग रही है। एससी कोटे से डॉ. शिव डेहरिया और रुद्र गुरु दौड़ में हैं, इसमें शिव डेहरिया का पलड़ा भारी दिख रहा है। डेहरिया अभी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। जैन-अग्रवाल समुदाय से रेखचंद जैन और जयसिंह अग्रवाल चुनाव जीते हैं। जयसिंह अग्रवाल तीन बार से विधायक है।

ओबीसी की आबादी काफी है। मुख्यमंत्री ओबीसी हैं, फिर भी ओबीसी कोटे से एक-दो मंत्री बनाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा दिक्कत आदिवासी कोटे से मंत्री बनाने में आएगी। कांग्रेस ने राज्य की 29 आदिवासी सीटों में से 26 में जीत दर्ज की है। आदिवासी इलाके सरगुजा, कोरिया व जशपुर की सभी सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। बस्तर में 12 में से 11 सीटें मिली हैं। दिग्गज आदिवासी नेता और कई वरिष्ठ लोग चुनाव जीतकर आये हैं। आबादी की दृष्टि से कम से कम चार मंत्री तो बनाने पड़ेंगे। कांग्रेस के टिकट से नौ महिलाएं भी विधानसभा पहुंची हैं, ऐसे में कम से कम एक और अधिकतम दो महिला विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। 

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TAGS: TS Sinhdev, Tamr Dhwaj Sahu, swear, Bhupesh Baghel, Chhattisgarh
OUTLOOK 17 December, 2018
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