केरल में होने के बावजूद राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नहीं आईं वसुंधरा
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के आखिरी दिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं। वसुंधरा नाराज बताई जा रही हैं। केरल में होने के बावजूद उनके बैठक में नहीं आने को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। हालांकि कोझीकोड में होने के बाद भी बैठक में नहीं शामिल होने पर उन्होंने सूचना भिजवाई कि वे बीमार हैं। परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह मोदी की रैली में शामिल हुई थीं। रैली में शिवराज को भाषण का मौका दिया गया लेकिन उनको नहीं। माना जा रहा है कि संभवतः इसी बात से नाराज होकर वसुंधरा आज परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुईं। बैठक में नहीं शामिल होने वाले नेताओं में भुवनचंद्र खंडूरी भी हैं। तीन दिन के कार्यक्रम में सिर्फ दो ही मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका मिला। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास। चौहान को कल की रैली में बोलने का मौका मिला जबकि दास परिषद की बैठक में बोले।
उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर भाजपा के आम कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। सभी को उम्मीद थी कि इस पर राष्ट्रीय परिषद में बात होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बैठक में सामान्य बात होने से उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि बहुत निराश हुए। आखिरी दिन सिर्फ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में चुनाव की चर्चा की। शाह के भाषण के अलावा चुनाव की बात नहीं हुई न ही अलग से कोई चर्चा हुई। पूरी बैठक पर उड़ी की घटना हावी रही। बाकी का समय गरीब कल्याण एजेंडा ने ले लिया। उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में वहां के प्रतिनिधियों को उम्मीद थी कि कहीं न कहीं किसी स्तर पर चर्चा कर दोनों राज्यों में चुनावी माहौल को गति दी जाएगी। हालांकि इस बात का ध्यान रखा गया कि उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व दिखाई दे। यही वजह रही कि उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को बोलने का मौका मिला। अब भाजपा की अगली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में 7-8 जनवरी 2017 में होगी।