'यूनिवर्सल टेस्टिंग' की जरूरत लेकिन कोविड-19 लड़ाई के प्रमुख पहलुओं पर पीएम ने नहीं दिया आश्वासन: कांग्रेस
कोरोना की टेस्टिंग को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि समय की जरूरत है कि कोविड-19 की यूनिवर्सल टेस्टिंग हो और टेस्टिंग किट के साथ ही निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया कराया जाए, लेकिन महामारी के खिलाफ लड़ाई के प्रमुख पहलुओं पर पीएम ने कोई आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश में आज गरीबों को आश्रय और नौकरी की जरूरत है लेकिन इस बारे में सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
मोइली ने सरकार पर हमला प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंगलवार के एक बार लॉकडाउन बढ़ाने के एक दिन बाद किया है। पहले मोदी ने तीन सप्ताह का लॉकडाउन किया था। एक बार फिर इसे 19 दिन के लिए बढ़ाया गया है। महामारी और विस्तारित लॉकडाउन के मद्देनजर मोइली ने कहा कि देश में भूखे लोगों को तत्काल राहत देने की जरूरत है, जिन्हें आश्रय और नौकरियों की जरूरत है।
'बुनियादी जरूरतों पर सरकार उदासीन'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कोविड-19 के लिए पीपीई, टेस्टिंग किट, पेशेवरों, जीवविज्ञानी, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने महामारी से निपटने के लिए इन बुनियादी जरूरतों के लिए कोई आश्वासन नहीं दिया है- क्या इससे लोगों को आश्रय मिलेगा या फिर नौकरियां। " मोइली ने कहा कि भारत को युद्ध स्तर पर संकट से निपटना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी के अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने 25 मार्च को कहा था कि महाभारत युद्ध 18 दिनों में जीता गया था, लेकिन कोरोनोवायरस के खिलाफ इस युद्ध में 21 दिन लगेंगे लेकिन ऐसा लगता है कि पीएम इसमें नाकाम रहे हैं।
'बंद कर देना चाहिए झूठा आश्वासन देना'
कांग्रेस शासित राज्यों में महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए पार्टी द्वारा गठित टास्क फोर्स में सदस्य मोइली ने कहा, "मुझे लगता है, प्रधानमंत्री को देश के लोगों को दुनिया में फैली महामारी के बारे में झूठा आश्वासन देना बंद कर देना चाहिए।" अमेरिका द्वारा भारत को मिसाइल और टॉरपीडो की बिक्री को मंजूरी देने की खबरों पर, मोइली ने कहा कि दोनों सरकारों को युद्ध की तैयारी के संदर्भ में बात नहीं करनी चाहिए जब पूरी मानवता भूख, आश्रय और बुनियादी जरूरतों की कमी से पीड़ित है।
'सप्तपदी का निहितार्थ जाने किया पवित्र शब्द का इस्तेमाल'
मोइली ने मोदी के अपने 'सप्तपदी' आह्वान पर भी हमला करते हुए कहा कि वे इसके निहितार्थ को समझे बिना पवित्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि मंगलवार को अपने 25 मिनट के संबोधन के दौरान, मोदी ने लोगों को आने वाले दिनों में 'सप्तपदी' (सात चरणों) का पालन करने को कहा ताकि सरकार कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सके। सात चरणों में बुजुर्ग लोगों की देखभाल करना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और गरीबों की मदद करना शामिल था।