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07 December 2020

यूपीए भी लाई थी कृषि कानून, विरोध राजनीतिक दलों का दोहरा चरित्रः योगी आदित्यनाथ

ANI

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि कानूनों के विरोध और आठ दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने को राजनीतिक दलों का दोहरा चरित्र बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज जिस कानून का विरोध कर रही है, उसी कानून को यूपीए सरकार भी लाई थी, ये कांग्रेस के दोहरे रवैये को दर्शाता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र लिखा था और एपीएमसी एक्ट को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था।

सोमवार को योगी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि किसानों के मुद्दे पर राजनीतिक दलों द्वारा वातावरण खराब करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसानों को अपना हथियार बनाते रहें हैं। कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार ने साल 2010-11 में विभिन्न राज्यों को पत्र भेजे थे तब तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र भेजे थे। उन्होंमने कहा था कि एपीएमसी एक्ट में व्यापक संशोधन की जरूरत है और मॉडल एक्ट भारत सरकार तैयार कर रही है।

योगी ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान सभी पार्टियों ने एपीएमसी एक्ट को लागू करने का समर्थन किया था पर अब वो इसका विरोध कर रहे हैं। उस समय देश के पीएम मनमोहन सिंह थे जबकि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं। मुझे आश्चर्य है कि आज किसानों को लेकर किस तरह राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने देश के किसानों के हित में पिछले 6 सालों में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। सभीजानते हैं कि देश के अंदर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और खेती को तकनीक के साथ जोड़ने की कार्ययोजना को लेकर कई काम किए गए।

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बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने डेरा जमाया हुआ है। अबतक किसान और सरकार के बीच पांच दौर  की बात हो गई है लेकिन किसान कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं। किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है, सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा। इसे विभिन्न विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियन ने समर्थन दिया है।

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OUTLOOK 07 December, 2020
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