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11 December 2024

महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 'वोट जिहाद' जैसे शब्दों का प्रयोग चुनाव आयोग की जांच के दायरे में, क्या होगा एक्शन?

हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान कुछ राजनीतिक दलों द्वारा इस्तेमाल किए गए "वोट जिहाद" जैसे विवादास्पद वाक्यांश भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की जांच के दायरे में हैं।

पीटीआई को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में महाराष्ट्र की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. किरण कुलकर्णी ने यह भी कहा कि राज्य चुनावों के दौरान चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के 650 से अधिक मामले दर्ज किए गए और प्रवर्तन एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि इन मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए।

'वोट जिहाद' के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग आगे की कार्रवाई करने से पहले कानूनी, भाषाई और सामाजिक क्षेत्रों में इसके प्रभावों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहा है... हमें 'वोट जिहाद' जैसे शब्दों से बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि इनके गंभीर परिणाम होते हैं।"

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उन्होंने कहा, "यह एक नया शब्द है, जिसके लिए गहन अध्ययन की आवश्यकता है। इसमें कानूनी, भाषाई, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं पर विचार किया जाना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मैं सहित ईसीआई के अधिकारी इसका विश्लेषण कर रहे हैं और इन सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद हम उचित निर्णय लेंगे।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह के विवादास्पद वाक्यांशों से चुनावी चर्चा पर असर पड़ता है, तो कुलकर्णी ने जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने के प्रति आगाह किया।

उन्होंने कहा, "यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। शब्दों और उनके संदर्भों को अच्छी तरह से परिभाषित और विश्लेषित करने की आवश्यकता है। नई शब्दावली के लिए कोई सुदृढ़ कानूनी ढांचा नहीं है, इसलिए हमें ऐसे मामलों को सावधानीपूर्वक संभालना चाहिए और उनके परिणामों को ध्यान में रखना चाहिए।"

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव हुए थे और तीन दिन बाद वोटों की गिनती हुई थी। राज्य में 15 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी।

कुलकर्णी ने बताया कि राज्य में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कुल 659 मामले दर्ज किए गए, जो इस वर्ष के शुरू में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान दर्ज किए गए 366 मामलों से काफी अधिक है। उन्होंने कहा, "हमारी जांच एजेंसियों ने लोकसभा मामलों में उत्कृष्ट कार्य किया है और अदालतों में 300 आरोपपत्र पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं।"

विधानसभा चुनाव मामलों पर उन्होंने कहा, "हम पूरी तत्परता से कार्रवाई कर रहे हैं। हमारी प्रवर्तन एजेंसियां जांच कर रही हैं और सभी आरोपपत्र अदालतों में दाखिल किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये मामले तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचें।"

उन्होंने कहा कि कार्रवाई की समयसीमा न्यायपालिका पर निर्भर करती है। "ये आपराधिक मामले हैं, इसलिए इनमें उचित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। अदालतें चुनाव संबंधी अपराधों के प्रति गंभीर हैं, और हम शीघ्र समाधान का अनुरोध कर रहे हैं," उन्होंने कहा।

घृणास्पद भाषण की शिकायतों पर कुलकर्णी ने कहा कि इन मामलों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत निपटाया जाता है। उन्होंने कहा, "कुछ शिकायतों की सत्यता की पुष्टि की गई और प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए। हालांकि, आदर्श आचार संहिता कोई कानून नहीं है, बल्कि विभिन्न कानूनों द्वारा समर्थित एक सहमतिपूर्ण दिशानिर्देश है।"

कुलकर्णी ने महाराष्ट्र की मजबूत चुनाव प्रणाली का हवाला देते हुए मतदान के दौरान बूथ कैप्चरिंग के आरोपों को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में बूथ कैप्चरिंग कभी नहीं हुई। ईवीएम के मामले में यह बेमतलब है, क्योंकि मशीनें मजबूत हैं और डेटा पुनर्प्राप्त करने योग्य हैं। मतदान के दौरान व्यवधान के छह मामले सामने आए, लेकिन एक घंटे के भीतर मतदान प्रक्रिया बहाल कर दी गई।" 

उन्होंने कहा कि एक मामले में संदेह दूर करने के लिए ईवीएम को बदला गया।

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TAGS: Maharashtra assembly elections, election commission of India, eci, vote jihad
OUTLOOK 11 December, 2024
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