यूपीः निकाय चुनाव में भाजपा ने उतारे दो दर्जन मुस्लिम उम्मीदवार
उत्तरप्रदेश में साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था। लेकिन, निकाय चुनाव में वह मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जता रही है। पहले चरण में जहां चुनाव होने हैं वहां दो दर्जन से अधिक मुसलमानों को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। पार्टी का कहना है कि यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को चरितार्थ करता है।
यूपी में तीन चरणों में 22, 26 और 29 नवंबर को वोट पड़ेंगे। वोटों की गिनती एक दिसंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने का सोमवार को आखिरी दिन था। अकेले लखनऊ क्षेत्र में, भाजपा ने करीब आधा दर्जन मुसलमानों को टिकट दिया है। कांग्रेस के गढ़ अमेठी में भी मुसलमानों पर पार्टी ने दांव लगाया है। अगले दो चरणों में भी पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय से उम्मीदवार उतारने की संभावना है, क्योंकि अंतिम दो चरणों में चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने हैं जहां मुस्लिम आबादी पूर्व और मध्य उप्र की तुलना में अधिक है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने दूसरी पार्टी से आए नेताओं को भी काफी टिकट दिया था। इसका फायदा भी उसे हुआ। लेकिन, निकाय चुनाव में पुराने कार्यकर्ताओं को ज्यादा तवज्जो मिल रही है। यही कारण है कि लखनऊ से मेयर पद की प्रत्याशी पूर्व भाजपा विधायक स्वर्गीय सतीश चन्द्र भाटिया की पत्नी संयुक्त भाटिया बनाई गई हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय ने पहले ही कहा था कि निकाय चुनावों में पार्टी 90 फीसदी से ज्यादा टिकट पुराने कर्यकर्ताअाें को देगी।
गौरतलब है कि उप्र शहरी निकायों में भाजपा का वर्चस्व है। योगी सरकार के सामने इसे बरकरार रख सीटें बढ़ाने की चुनौती है। करीब 3.32 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार कर प्रयोग करेंगे। 652 निकायों हेतु मतदान होंगे, जिसमे शामिल हैं 438 नगरपालिका परिषद्, 198 शहर पंचायत एवं 16 नगर निगम। इन चुनावों में, 1,000 से अधिक पार्षद एवं 10,000 से अधिक नगरपालिका परिषद सदस्यों का चयन होगा।