उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, अपनी ही सरकार पर योजनाओं को लटकाने का लगाया आरोप
उत्तराखंड में कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी अंतर्कलह उभर रही है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के शुक्रवार शाम मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दिन में वे कैबिनेट बैठक को बीच में छोड़कर निकल आए थे। उनके समर्थकों ने सचिवालय में जमकर हंगामा किया। हरक सिंह रावत के पास उत्तराखंड में वन एवं पर्यावरण, लेबर और स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय है। उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे समय में दोनों नेताओं ने इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। हरक सिंह रावत पहले कांग्रेस में थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रावत के इस्तीफे के बीच रायपुर विधानसभा क्षेत्र से उमेश शर्मा "काउ' ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उमेश शर्मा को हरक सिंह रावत का करीबी माना जाता है। दोनों ही नेता साल 2016 में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे।
हरक सिंह रावत ने कहा कि उनकी स्वीकृत योजनाओं को लटकाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए पिछले कुछ समय से सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे। हालांकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एक जिले में एक ही सरकारी मेडिकल कॉलेज खुल सकता है। श्रीनगर में पहले से मेडिकल कॉलेज है। यही वजह है कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पा रहा था। इससे नाराज वन मंत्री कैबिनेट की बैठक छोड़कर चले गए थे।
सूत्रों के मुताबिक हरक सिंह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे। वहीं बीजेपी ने इस्तीफे की खबर को खारिज किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने एबीपी गंगा से कहा कि किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। कोई बात हुई होगी, मीटिंग में बातचीत होती है। काऊ ने कोई इस्तीफा नहीं दिया है।
तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने 1989 में बीजेपी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था, लेकिन बाद में वह बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। रावत साल 2016 में फिर से बीजेपी में शामिल हो गए थे।