राफेल डील पर मनमोहन सिंह ने कहा, दाल में कुछ काला है
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर रोजगार का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया तथा नोटबंदी को संगठित लूट का हिस्सा बताया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस मे कहा कि राफेल डील पर देश में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। मोदी सरकार से विपक्षी पार्टियां और कई राजनीतिक समूह जेपीसी गठित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार तैयार नहीं है। इससे पता चलता है कि इस सौदे में जरूर दाल में कुछ काला है। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
अपने ऊपर आरोप के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा, 'यह बिल्कुल गलत है कि रिमोट कंट्रोल से सरकार चलती थी। कांग्रेस सरकार ऐसे तरीके से चलाई जाती है जिससे पार्टी और सरकार दोनों एक स्टेज पर काम करें। हमारे समय में सरकार और पार्टी में कोई मतभेद नहीं था।'
नोटबंदी संगठित लूट
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैंने पहले ही संसद में कहा था कि यह संगठित लूट का हिस्सा है।' जीएसटी पर उन्होंने कहा कि इसे बगैर पूरी तैयारी और खास योजना के साथ लागू किया गया। नोटबंदी और जीएसटी के नासमझ व बेतुके फैसलों तथा ‘सरकार प्रायोजित टैक्स टेरिरजम’ ने संगठित व असंगठित क्षेत्रों पर कड़ा प्रहार किया है। छोटे, मझोले और लघु उद्योग नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार से बंद होने के कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नोटबंदी को सही साबित करने के लिए ‘हर रोज एक झूठी कहानी’ गढ़ने में व्यस्त है लेकिन सच्चाई और हकीकत यह है कि नोटबंदी मोदी सरकार द्वारा लागू की गई एक भयावह भूल साबित हुई है।
पूरा नहीं किया रोजगार का वादा
उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 2014 में मोदी ने हर साल देश में 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं किया जा सका। श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हर तिमाही में महज कुछ हजार ही नौकरी मिल सकी है। रोजगार देने का सरकार का वादा खोखला निकला। मध्य प्रदेश के युवाओं को भी रोजगार नहीं मिल रहा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मध्यपदेश में तो स्थिति और विकट है। मसलन फरवरी, 2018 मे चपरासी के 738 पदो के लिए एमबीए, एलएलबी, पीएचडी तथा अन्य शैक्षणिक योगयता वाले 2,81,000 युवाओं ने आवेदन किया जो बेरोजगारी की स्थिति को दर्शाता है।
किसान आत्महत्या करने को मजबूर
मध्य प्रदेश समेत पूरे देश का किसान पीड़ा में है। प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। राज्य में हर पांच घंटे में एक किसान आत्महत्या करता है। दुखद है कि 2004 से 2016 के बीच मध्य प्रदेश में करीब 17 हजार किसानों ने आत्महत्या कर ली। इससे ज्यादा दुखद यह है कि भाजपा सरकार ने एके-47 दागकर किसानों की हत्या कर दी। मंदसौर में निर्दयता से आधा दर्जन किसान मौत के घाट उतार दिए गए।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के किसानों को अपनी फसलों का एमएसपी भी नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर खाद, कीटनाशकों और कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाने तथा डीएपी के बेतहाशा बढ़ते मूल्यों ने किसानों के कंधे पर असहनीय भार डाला है।
व्यापम घोटाले से हुआ युवाओं का भविष्य बर्बाद
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कभी भी किसी भी सरकार के साथ भेदभाव नहीं किया था। हमने मध्य प्रदेश के साथ कभी भेदभाव नहीं किया, शिवराज सिंह चौहान इसके गवाह हैं। व्यापम घोटाले ने हमारे 70 लाख युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया, जिसमें 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी। ई-निविदा घोटाले में कुछ निजी कंपनियों के पक्ष में सरकारी बोलियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार से लड़ने के वादे पर सत्ता में आई। उसका कार्यकाल समाप्त होने में कुछ ही महीने बचे हैं, लेकिन, हम मोदी सरकार के तहत भ्रष्टाचार को सिर्फ बढ़ते हुए देख रहे हैं।