व्यापमं पर ढिलाई से अब भाजपा सांसद ही खुलकर कर रहे शिवराज पर वार
भाजपा नेता और सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने व्यापमं पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि व्यापमं के दोषियों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार उतनी गंभीर नहीं दिखती। आरोपी अभी तक बाहर हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न खुश हुआ जा सकता है और न ही दुख व्यक्त कर सकते हैं। वास्तविक अपराधियों को अभी सजा मिलने का इंतजार है।
दरअसल, पटेल की यह टिप्पणी उस वक्त में आई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने नकल के आरोपी 634 स्टूडेंट्स के प्रवेश को निरस्त कर दिया है। प्रहलाद पटेल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोधियों में गिना जाता है।
प्रहलाद पटेल ने व्यापमं मामले में एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न खुश हो सकते हैं और न ही दुख व्यक्त कर सकते हैं। वास्तविक अपराधियों को सजा मिलने का इंतजार है। व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र की 3 पीढिय़ां प्रभावित हुई हैं। इसकी भरपाई पर मध्यप्रदेश के सभी लोगों को विचार करना होगा।
व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी प्रशासनिक कार्यवाहियों और राजनीतिक इच्छाशक्ति की समीक्षा के लिए मजबूर करता है।
पटेल के यह ट्वीट उस समय आए हुए हैं, जब सरकार व्यापमं के मामले से पीछा छुड़ाकर खामोश रहना चाह रही है। खुद सरकार इस पूरे मामले में खामोशी का रवैया अपनाकर बैठी हुई है। वह इस मुद्दे को तूल देकर गर्म नहीं करना चाह रही है। ऐसे में राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का सवाल खड़ा कर प्रहलाद पटेल ने सरकार की मंशा को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब प्रहलाद पटेल ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मुखर रूप दिखाया हो। इससे पहले हुई संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में प्रहलाद पटेल ने सीधे तौर पर प्रदेश में अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया था। प्रहलाद पटेल, अनूप मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार पर सीधा हमला बोला था।
प्रहलाद पटेल को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का करीबी माना जाता है। जब उमा भारती भाजपा छोड़कर चली गई थीं। उस समय प्रहलाद पटेल भी उनके साथ चले गए थे। उस समय उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर डंपर घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने खुद लोकायुक्त में इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि कोर्ट में यह आरोप साबित नहीं हो पाए थे। लेकिन प्रहलाद पटेल ने शिवराज की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। एक बार फिर उन्होंने व्यापमं मुद्दे को छेड़कर इस बात के संकेत दिए हैं कि वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के खिलाफ और हमले कर सकते हैं।