Advertisement
07 June 2018

रालोसपा के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि बोले, नीतीश को नेता स्वीकार नहीं कर सकते

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में इन दिनों दबाव की राजनीति जोरों पर हैं। गठबंधन में शामिल हर दल जदयू, लोजपा और रालोसपा भारतीय जनता पार्टी पर इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि उनकी पार्टी को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटें हासिल हों। गुरुवार को पटना में भाजपा ने एनडीए नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया है।

रालोसपा के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने साफ कहा कि उनकी पार्टी जदयू से बड़ी पार्टी है। हमारे तीन लोकसभा सदस्य हैं जबकि जदयू के दो। उन्होंने कहा कि वे नीतीश कुमार को अपना नेता स्वीकार नहीं कर सकते। वह कभी भी यू टर्न ले कर लालू जी के साथ जा सकते हैं और वे विश्वास करने लायक नहीं है।


Advertisement

उऩ्होंने कहा कि यदि एनडीए को बिहार में लोकसभा और विधानसभ में बड़ी जीत हासिल करनी है तो उसे उपेंद्र कुशवाहा (रालोसपा प्रमुख) को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करना चाहिए। नागमणि ने कहा कि वे नीतीश कुमार के विरोधी नहीं है पर आज जो हालात हैं उसमें नीतीश को चेहरा बना कर एनडीए जीत हासिल नहीं कर सकती।  

इस बीच यह खबर भी है उपेंद्र कुशवाहा डिनर में शामिल नहीं होंगे। हालांकि इसके लिए कहा तो यह जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री समय की कमी के कारण इस मौके पर मौजूद नहीं रहेंगे। पर यह कयास भी है कि वह दबाव की राजनीति के तहत भी ऐसा कर सकते हैं। ऐसे में लग रहा है कि सीटों को लेकर जारी खींचतान और बढ़ सकती है।

2014 के लोकसभा चुनाव में रालोसपा ने तीन जगह से चुनाव लड़ा था और तीनों पर सफलता हासिल की थी। हालांकि बाद में जहानाबाद से जीते अरुण कुमार ने बगावत कर दी तो उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया।

बिहार एनडीए में सारा विवाद जदयू के शामिल होने के बाद शुरू हुआ है। जदयू 2009 में एनडीए में था तो उसने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी पार्टी की दावेदारी इतनी ही सीटों पर है। हालांकि 2014 के चुनाव में जदयू ने राज्य की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था पर उसके दो प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में सफल हुए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Nda, Upendra Kushwaha, dinner, loksabha, bihar, jdu, bjp
OUTLOOK 07 June, 2018
Advertisement