ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र जमीन को चीन ने छीन लिया: राहुल गांधी
चीन के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है।
एक न्यूज वेबसाइट के कार्यक्रम में हुई बातचीत का लिंक ट्विटर पर शेयर करते हुए उन्होंने कहा, 'ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र ज़मीन को चीन ने छीन लिया?'
राहुल गांधी का बयान ऐसे वक्त आया है जब भारत-चीन के बीच सैन्य और सरकार के स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की बात कही जा रही है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पिछले कुछ सप्ताह से जारी तनाव को कम करने के प्रयासों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सैनिकों के पीछे हटने तथा तनाव कम करने की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनी है और ‘‘काम काफी हद तक प्रगति पर है’’। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने सैनिकों के पीछे हटने की जरूरत पर सहमति अवश्य जताई है क्योंकि दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे के बहुत पास तैनात हैं। इसलिए पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अभी शुरू हुई है। काम काफी हद तक प्रगति पर है। इस समय मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा।’’
एक दिन पहले ही भारत और चीन ने एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता की, जिसमें दोनों पक्षों ने समयबद्ध तरीके से पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया ताकि पूर्ण शांति बहाल हो सके। बैठक में तय किया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर जल्द ही बैठक करेंगे और सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अगले कदम उठाएंगे। जानकार सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चौथे दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के रियर बेस से सैनिकों की वापसी के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना तथा क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के तरीके खोजना है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की पिछले रविवार को फोन पर लगभग दो घंटे की बातचीत के बाद सोमवार सुबह से सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई। जयशंकर ने गत 17 जून को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की थी जिसमें दोनों पक्षों ने पूरे हालात को जिम्मेदारी के साथ संभालने के लिए सहमति जताई थी।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई स्थानों पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 8 हफ्तों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया। चीनी सेना ने पिछले 6 दिन में भारतीय सेना के साथ सैनिकों के पीछे हटने की सहमति के अनुरूप गतिरोध के सभी बड़े बिंदुओं से सैनिकों की वापसी कराई है।