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25 October 2019

40 और 31 के समीकरण पर कभी हुड्डा के काम आए थे कांडा, क्या इस बार भाजपा का करेंगे बेड़ा पार

हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर गोपाल कांडा सुर्खियों में है। गोपाल कांडा हरियाणा में नई सरकार बनवाने में अहम किरदार निभा सकते हैं। सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव जीते गोपाल को भाजपा ने दिल्ली आने का संदेश दिया। जिसके बाद भाजपा की सांसद सुनीता दुग्गन उन्हें और कुछ अन्य निर्वाचित निर्दलियों को लेकर गुरुवार रात चॉर्टड प्लेन से दिल्ली पहुंचीं। हालांकि कांडा से समर्थन लेने को लेकर भाजपा के भीतर और बाहर सवाल भी उठने लगे हैं। लेकिन यही कांडा जब 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा बहुमत से दूर रह गए थे तब भी संकटमोचक बनकर सामने आए थे।

विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा को कुल 40 सीटें मिली लेकिन सत्ता में पहुंचने के लिए 46 का जादुई अंक चाहिए। ऐसे में अब सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की आवश्यकता है और भाजपा ने अन्य विधायकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसी संपर्क में गोपाल कांडा का नाम सामने आया। हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने सिरसा से जीत दर्ज की है, लेकिन उनकी इकलौती सीट हरियाणा की सत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है।

2009 में बने थे कांग्रेस के संकटमोचन

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करीब दस साल पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते कांडा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार गठन में अहम भूमिका निभाई थी।

एक दशक पहले 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस भी 40 के आंकड़ों पर अटक गई थी और ओम प्रकाश चौटाला की आईएनएलडी 31 सीटों पर अटक गई थी। तब काग्रेस को बहुमत जुटाने के लिए कुछ समर्थन की आवश्यकता थी। गोपाल कांडा भी तब विधायक चुनकर आए थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए निर्दलीयों का समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांडा की अगुवाई में कुल सात विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था।

मिला था मंत्री पद

समर्थन के बदले हुड्डा ने कांडा को कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया था। कांडा भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्यमंत्री थे।

हालांकि कांडा की एयरलाइंस की महिला कर्मचारी की आत्महत्या के बाद जब उन पर तमाम तरह के कई आरोप लगे तो उन्होंने हुड्डा सरकार में गृह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। 18 महीने जेल में रहने के बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। रिहाई के बाद कांडा ने लोकहित पार्टी का गठन किया था। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन कर राज्य की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले कांडा को बुरी तरह मात खानी पड़ी थी और उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

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TAGS: Gopal Kanda, supported, Congress, 2009, BJP, HUDA, KHATTAR
OUTLOOK 25 October, 2019
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