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02 November 2019

व्हाट्सएप मामले पर सिब्बल का केंद्र से सवाल, पूछा- सरकार बताए किसने दी अनुमति

File Photo

इजरायल के स्पाईवेयर पेगासस के माध्यम से भारतीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की व्हाट्सएप द्वारा जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार यह बताए कि किस एजेंसी ने इस सॉफ्टवेयर को खरीदा और किसने इसे पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की जासूसी करने की अनुमति दी?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'इजरायली एनएसओ पेगासस स्पायवेयर को केवल सरकारों को बेचती है। व्हाट्सएप के जवाब देने से पहले, हमारी सरकार को हमें यह बताना चाहिए कि सरकार के किस विंग ने पेगासस को खरीदा? किस कीमत पर खरीदा, किसने इसके संचालन को संभाला, किसने जासूसी के लिए निर्देश दिए और किन अन्य प्लेटफार्मों पर ऐसा हुआ?

क्या इस काम में इजरायली एजेंसियों को लगाया गया था- प्रियंका

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पिछले दिनों इस जासूसी के खुलासे के बाद से केंद्र सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। सिब्बल से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने व्हाट्सएप जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि क्या इस काम में इजरायली एजेंसियों को लगाया गया था?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था, 'अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के फोन की जासूसी में इजरायली एजेंसियों को लगाया था तो यह मानवाधिकारों का घोर हनन है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा आघात. हम सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।'

अदालत की निगरानी में कांग्रेस ने जांच कराने की मांग की थी

गुरुवार को कांग्रेस ने इस समूचे विवाद की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि उनकी पार्टी को अंदेशा है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के अलावा कई विपक्षी नेताओं की जासूसी कराई गई।

कांग्रेस ने यह आरोप ऐसी खबरें आने के बाद लगाया कि पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप की जासूसी एक इजरायली एजेंसी एनएसओ द्वारा 'पेगासस' सर्विलांस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर की गई। हालां‌कि, जिन लोगों को निशाना बनाया गया, उनकी सूची और पहचान जारी नहीं की गई है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा है कि भारत सरकार की किस एजेंसी ने 'पेगासस' सर्विलांस सॉफ्टवेयर खरीदा और उसका उपयोग करवाया? एजेंसी को ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया, एनएसए या पीएमओ ने?

राहुल गांधी ने भी साधा मोदी सरकार पर निशाना

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरुवार को ट्वीट कर कहा था, 'सरकार व्हाट्सएप से जवाब मांग रही है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए किसने पेगासस की खरीद की। यह ठीक ऐसा ही सवाल है, जैसे मोदी दसॉ से पूछ रहे हैं कि भारत को राफेल जेट बेचने में किसने पैसा बनाया।'

मामले पर सरकार ने मांगा स्पष्टीकरण

इसके बाद शुक्रवार को सरकार ने व्हाट्सएप से इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने व्हाट्सएप से ये भी पूछा है कि उसने कंपनी के सीईओ के साथ हाल की बैठकों के बावजूद भारतीय नागरिकों की जासूसी की जानकारी भारतीय अधिकारियों से क्यों छिपाकर रखी? इसके बाद ही सिब्बल का यह बयान सामने आया है।

भारत सरकार को मई में जानकारी दी गई थी

व्हाट्सएप ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह भारत सरकार द्वारा की गई मांग से सहमत है। साथ ही उसने दावा किया है कि भारत सरकार को इसे लेकर मई में जानकारी दी गई थी। व्हाट्सएप ने एक बयान जारी कर कहा, 'हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा है। मई में हमने जानकारी मिलते ही इस सुरक्षा मुद्दे को हल किया और संबंधित भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

सरकार ने व्हाट्सएप के दावों को किया खारिज

हालांकि, सरकार ने व्हाट्सएप के दावों को खारिज कर दिया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि व्हाट्सएप ने मई में सरकारी एजेंसी CERT-IN को जानकारी दी थी, लेकिन इसमें पेगासस या किसी तरह के उल्लंघन का उल्लेख नहीं था। सूत्रों ने यह भी बताया कि साझा की गई जानकारी केवल एक तकनीकी समस्या के बारे में थी। भारतीय उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता से छेड़छाड़ के तथ्य से इसका कोई लेना-देना नहीं था।    

 

 

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OUTLOOK 02 November, 2019
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