भाजपा ने कांग्रेस से पूछा, ‘क्यों रेप के दूसरे मामलों में नहीं किया कैंडल मार्च’
कठुआ और उन्नाव रेप केस को लेकर विपक्ष के तीखे हमलों के बीच भाजपा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस दौरान भाजपा की नेता मीनाक्षी लेखी ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि आप इनकी योजना देखिए, पहले 'अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक' चिल्लाओ, फिर 'दलित दलित', और अब 'महिला महिला'। ...फिर राज्य सरकारों की सख्त कार्यवाई की अनदेखी करते हुए राज्य के मुद्दों पर केंद्र पर किसी तरह से दोष लगाने का प्रयास करो।
'पीड़िता ने पहले नहीं लिया था विधायक का नाम'
लेखी ने उन्नाव रेप केस को लेकर कहा कि जब पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान लिया था तो इसमें पीड़िता ने विधायक का नाम नहीं लिया था। लेखी ने कहा, “उन्नाव की घटना 10 महीने पहले की है, पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान लिया, इसमें विधायक का नाम नहीं लिया था, फिर महिला ने प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी और इसमें विधायक पर आरोप लगा, फिर कार्रवाई हुई।”
कठुआ मामले में गुलाम नबी को घेरा
लेखी ने कहा कि कठुआ रेप केस में भी निष्पक्ष जांच हुई है। एसआईटी ने छह से सात लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, “मैं ये बताना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बी एस सलाथिया चुनाव में गुलाम नबी आजाद के पोलिंग एजेंट थे, इससे पता चलता है की वहां किस प्रकार की घृणात्मक राजनीति चल रही है। वहां की बार एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सलाथिया जी एक तरफ तो न्याय की बात करते हैं दूसरी तरफ हाई कोर्ट को बंद करने की बात कर रहे है।” उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के उत्पीड़न पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
कैंडल मार्च पर सवाल..
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बलात्कार पीड़ितों के समर्थन में आधी रात को कैंडल मार्च की अगुवाई की।
गांधी की आधी रात को निकाले गए इस मार्च पर लेखी ने पूछा कि क्यों अन्य बलात्कार पीड़ितों के लिए कैंडल मार्च नहीं निकाला गया।
मामले में भाजपा मंत्रियों के अभियुक्तों का समर्थन करने के सवाल पर लेखी ने कहा कि वे गुमराह हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले ही इस हरकत की निंदा की है। कानून अपना काम करेगा।
गुलाम नबी ने दिया जवाब
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने लेखी के बयान का जवाब देते हुए कहा, "हां, जम्मू बार एसोसिएशन के प्रमुख बीएस सलाथिया मेरा पोलिंग एजेंट था, और लाल सिंह (भाजपा जम्मू और कश्मीर मंत्री) कांग्रेस में थे, वे धर्मनिरपेक्ष थे लेकिन भाजपा ने जम्मू और कश्मीर में इतनी बुरी तरह से माहौल बिगाड़ दिया कि ये लोग अब सांप्रदायिक हो गए हैं।
माफी मांगे लेखी: कांग्रेस
लेखी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की असंवेदनशील टिप्पणी भारतीय नागरिकों का अपमान है जो अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं। उनका बयान उनकी पार्टी की विचारधारा को दर्शाता है। उन्हें अपने शब्दों को वापस लेना चाहिए और तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
BJP MP Meenakshi Lekhi's insensitive remark is an insult to Indian citizens standing up for their rights. Her statement reflects her party's regressive ideology. She must take back her words and apologize immediately. https://t.co/WLg53oCn6G
— Congress (@INCIndia) April 13, 2018
क्या है कठुआ रेप मामला?
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के रेप और हत्या के तीन महीने बाद इस घटना को लेकर देशभर में हंगामा हो रहा है। पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की इस बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। कथित तौर पर आठ साल की इस बच्ची को रासना गांव में देवीस्थान मंदिर में कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और सेवादार समेत कई लोगों ने कई बार उसका बलात्कार किया। इस खुलासे के बाद जहां इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वहीं इस पर लगातार राजनीति भी की जा रही है।
क्या है उन्नाव मामला?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक युवती भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगा रही है। मामला पिछले साल 4 जून, 17 का बताया है। जब युवती की मां ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित कुछ लोगों के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। हाल ही में जब बीते 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल ने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया, तब 8 अप्रैल (रविवार) को पीड़िता ने परिवार समेत मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। अब इस मामले में विधायक के खिलाफ एफआईआर हो गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। हालांकि आरोपी विधायक की गिरफ्तारी को लेकर बवाल मचा हुआ है।