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30 March 2021

चुनावों में भाजपा पर भारी पड़ा सीएए का दांव, इस राज्य में उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

PTI / File Photo

केंद्र द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सबसे पहले केरल विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसमें विवादित कानून को निरस्त करने की मांग की गई थी। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में केरल भी शामिल है, जहां सीएए लागू करने को लेकर एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दम भर रही है वहीं,राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन विजयन ने दोहराया कि उनकी सरकार राज्य में सीएए को लागू नहीं करेगी। आरोप है कि ये कानून देश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। अब सीएए को लेकर चली बहस के बीच राज्य में भाजपा को नुकसान होता दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक राज्य के मुसलमानों का वोट बैंक सीपीआई (एम) के पक्ष में जाता दिख रहा है, जबकि भाजपा को मुंह की खानी पड़ सकती है।

दरअसल, केरल विधानसभा चुनाव में राजनीतिक प्रचार अभियान के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही भाजपा के केंद्रीय नेताओं सीएए को हवा दे दी है। जिसके बाद ये राज्य की रानजीति के केंद्र में आ गया है। रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  ने दावा करते हुए कि पार्टी सत्ता में आते ही सीएए कानून को लागू करेगी और मुस्लिम महिलाओं की शादी की सुरक्षा के लिए तीन तालक के खिलाफ कानून लाएगी।

इसको लेकर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएए लागू करने के भाजपा नेताओं के बयान और दावों से खुद पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। क्योंकि, राज्य का एक बड़ा वर्ग इस कानून के विरोध में खड़ा रहा है और है। पार्टी के केंद्रीय नेताओं द्वारा लगातार कही जा रहे दावों से केवल मुस्लिम वोटरों पर असर नहीं होगा जिसकी आबादी पूरे राज्य में 27 प्रतिशत से अधिक है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे सीपीआई (एम) को फायदा होगा, जिसने केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव लाए थे। चुनाव से पहले किए गए सर्वे के मुताबिक सत्तारूढ़ दल सीपीएम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के लिए दूसरे कार्यकाल में सीएम पिनाराई विजयन की मजबूत छवि बनी है जो विरोधी पर भारी पड़ सकता है।

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2016 के विधानसभा चुनावों में भी मुस्लिम बहुल उत्तरी केरल में एलडीएफ ने मलप्पुरम जिले को छोड़कर प्रभावशाली जीत दर्ज की थी। मलप्पुरम में, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)-कांग्रेस का प्रमुख सहयोगी है। एलडीएफ ने उत्तरी केरल में सात जिलों में 73 में से 49 सीटें जीतीं थी। इस बार, सीपीएम सीएए के जरिए आईयूएमएल के किले को तोड़ने की उम्मीद कर रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

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TAGS: Campaign on CAA, Backfire against BJP, Kerala, Assembly Election 2021, CPI (M)
OUTLOOK 30 March, 2021
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