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04 July 2016

अपना दल के भाजपा में विलय कार्ड से अनुप्रिया की कैबिनेट इंट्री का कयास तेज

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जातिगत समीकरणों पर अपनी पकड़ को सीधे-सीधे मजबूत करने के लिए अपना दल का पार्टी में विलय करा दिया। कुर्मी जाति के बीच गहरी पकड़ के लिए ख्यात अपना दल और उसकी नेता अनुप्रिया पटेल को इसके बाद मंत्रिमंडल में होने वाले फेर-बदल में जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा था।

बनारस और मिर्जापुर इलाके में कुर्मी तथा कुछ और ओबीसी समुदाय के बीच अपना दल की अच्छी पकड़ है। पिछले लोकसभा चुनाव में अपना दल ने भाजपा के साथ ही प्रचार किया था और इनकी नेता अनुप्रिया पटेल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सीधी पहुंच बताई जाती है। अपना दल की स्थापना सोनेलाल पटेल ने की थी और खास तौर से इस जाति समूह को राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए यह उत्तर प्रदेश में सक्रिय है।

बताया जाता है कि यह विलय को लेकर अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल के बीच बहुत मतभेद बढ़ गए थे। हालांकि खुद अनुप्रिया पटेल भी दो दिन पहले तक भाजपा में विलय की तमाम संभावनाओं को नकार रही थीं, लेकिन परिवार में अपना दल के नेतृत्व को लेकर बढ़े विवाद के मद्देनजर यह फैसला लिया होगा। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अहम भूमिका बताई जाती है। वह दो जुलाई को अपना दल की रैली में गए और वहीं पर विलय का कार्ड चला गया। इस तरह से अब भाजपा सीधे अपने बैनर तले कुर्मी वोटों को खींचेगी। उत्तर प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी जनाधार पर भाजपा को रोकने की जुगत बैठा रहे हैं।

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TAGS: apna dal, bjp, anupriya patel, amit shah, कुर्मी वोटों प, कैबिनेट
OUTLOOK 04 July, 2016
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