महिला आरक्षण विधेयक "ध्यान भटकाने की रणनीति" है, कोई नहीं जानता यह कब लागू होगा: राहुल गांधी
संसद के विशेष सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के पारित होने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक जाति जनगणना जैसी मांगों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की "ध्यान भटकाने की रणनीति" है। उन्होंने कहा कि कानून कब लागू होगा, कोई नहीं जानता।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शुक्रवार को राहुल गांधी ने मांग की कि पिछली जाति जनगणना के आंकड़े तुरंत जारी किए जाने चाहिए और ओबीसी व अन्य कमजोर वर्ग की आबादी निर्धारित करने के लिए नए सिरे से जाति जनगणना होनी चाहिए।
#WATCH | Women's Reservation Bill | Congress MP Rahul Gandhi says, "The problem is the implementation. What they have said is - we are placing a Bill on the Floor of the House but we will implement it 10 years from now. What does that mean?...We agree with the Bill, remove these… pic.twitter.com/3ucnBLXuoA
— ANI (@ANI) September 22, 2023
राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी महिला आरक्षण विधेयक को अपना पूरा समर्थन देती है लेकिन इसके कार्यान्वयन की तारीख के बारे में कोई निश्चितता नहीं है और इसके लिए जनगणना और परिसीमन अभ्यास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए था।
राहुल ने कहा, "महिला आरक्षण विधेयक बढ़िया है लेकिन हमें दो फ़ुटनोट मिले कि जनगणना और परिसीमन उससे पहले करने की ज़रूरत है। इन दोनों में वर्षों लगेंगे। सच्चाई यह है कि आरक्षण आज लागू किया जा सकता है...यह कोई जटिल मामला नहीं है लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती।"
उन्होंने दावा किया, "सरकार ने इसे देश के सामने पेश तो कर दिया है लेकिन इसे लागू अब से 10 साल बाद किया जाएगा। कोई नहीं जानता कि यह लागू भी होगा या नहीं। यह ध्यान भटकाने की रणनीति है।"
"ऐसा क्या है जिससे आपका ध्यान हटाया जा रहा है? ओबीसी जनगणना से। मैंने संसद में एक संस्था के बारे में बात की, जो भारत सरकार चलाती है - कैबिनेट सचिव और सचिव...मैंने पूछा कि 90 में से केवल तीन ही लोग ही ओबीसी श्रेणी से क्यों हैं? मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं लेकिन उन्होंने उनके लिए क्या किया?"
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए केंद्र में सचिव स्तर के पदों पर ओबीसी के कम प्रतिनिधित्व की बात कही थी। भाजपा ने यह कहकर उनका प्रतिवाद किया कि वह ओबीसी को बड़ा प्रतिनिधित्व देती है और इस समुदाय से पार्टी के सांसदों की संख्या कांग्रेस के कुल सांसदों से अधिक है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को इसपर खेद व्यक्त किया कि 2010 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा लाए गए विधेयक के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा प्रदान नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, "100 प्रतिशत अफसोस है। यह तब किया जाना चाहिए था। हम इसे पूरा करेंगे।"
राहुल गांधी ने कहा, "जनगणना में इतनी देरी क्यों हो रही है? जाति जनगणना अभी होनी चाहिए और आखिरी जाति जनगणना के आंकड़े तुरंत जारी किए जाने चाहिए।" उन्होंने कहा कि सत्ता में लौटने पर कांग्रेस सरकार जाति जनगणना कराएगी और तब देश को पता चल जाएगा कि यहां ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों की संख्या कितनी है।
बता दें कि 128वां संविधान संशोधन विधेयक 2023, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी कहा जाता है, सोमवार को शुरू हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान पारित किया गया। विधेयक पारित होने के बाद, सत्र की निर्धारित समाप्ति से एक दिन पहले गुरुवार को दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद द्वारा अपनी नई इमारत में पारित किया गया पहला विधेयक है।