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01 November 2017

जमीनी हकीकतों पर नहीं है वर्ल्ड बैंक की रैंकिंगः राजीव शुक्ला

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रसे सांसद राजीव शुक्ला ने कहा है कि वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग का जमीनी हकीकतों से कोई वास्ता नहीं है। ऐसे में सरकार को अपनी पीठ थपथपाने से पहले जमीनी हकीकत का पता लगाना चाहिए। यह रै‌किंग केवल मुंबई और दिल्ली के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें उन इलाकों को शामिल नहीं किया जहां के कारोबारियों की हालत खस्ता है।

बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेस में शुक्ला ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट पर कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। यह वही रिपोर्ट है जिसकी आलोचना भाजपा मनमोहन सरकार के कार्यकाल में करती थी। अब उसी का सर्टिफकेट लेकर वाहवाही लूट रही है। इस रिपोर्ट में मेरठ, कानपुर, मुजफ्फरनगर, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे शहरों का कोई जिक्र नहीं है। इसमें नोटबंदी और जीएसटी को भी शामिल नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार को रूचिर शर्मा की किताब के तथ्यों को भी देखना चाहिए। इसमें कहा गया है कि करीब छह हजार उद्यमी देश छोड़कर विदेशों में जाकर बस गए। वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में 119 देशों की सूची में भारत का 100वां नबंर है। देश में कितने लोग भूखे मर रहे हैं। देश की 680 स्टार्ट अप कंपनियां बंद हो गई हैं। भारत के निर्यात में 14 साल में सबसे ज्यादा गिरावट आई है तथा तीन करोड़ 72 लाख लोगों की नौकरियां चली गई। सरकार के दावें विरोधाभासी हैं। सरकार पेट्रोल और डीजल से मुनाफा कमा रही है। रसोई गैस की कीमत आसमान छू रही है। अब 35 ट्रेन को सुपर फास्ट घोषित कर दिया गया है जिससे किराए में भी इजाफा हो जाएगा। रिपोर्ट का रियलिटी चेक होना जरूरी है।

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TAGS: ranking report, reality check, rajiv sukla, रैकिंग रिपोर्ट, जमीनी हकीकत, राजीव शुक्ला
OUTLOOK 01 November, 2017
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