युवाओं, दलितों के जरिये 2019 चुनाव साधने की भाजपा की पहल
भाजपा ने युवाओं की जोड़ने की पहल के तहत खासतौर पर 12वीं पास करने वाले युवाओं को केंद्र में रखा है और पार्टी नेताओं, सांसदों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं से इन युवाओं को सोशल मीडिया, डिजिटल एवं जनसम्पर्क के आधुनिक माध्यमों से सम्पर्क करने की सलाह दी।
इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने भाषा से कहा कि हमारे प्रधानमंत्री पहले ही कई मौके पर युवाओं को जोड़ने, उन्हें सशक्त बनाने तथा नये हिन्दुस्तान की स्थापना में इनके महत्व एवं योगदान को रेखांकित कर चुके हैं। भाजपा के लिए युवा केवल चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि नए हिन्दुस्तान की नींव हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि युवाओं को केंद्र सरकार के सार्वजनिक कल्याण वाले कार्यों और सुशासन का राजदूत बनाया जाना चाहिए।
भाजपा अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से युवाओं को आकर्षित करने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर जोर दे रही है।
पार्टी का मानना है कि युवा वर्ग आज सूचनाओं के लिए अखबारों और टीवी चैनलों से ज्यादा मोबाइल फोन पर निर्भर करता है और ऐसे डिजिटल माध्यमों से पार्टी की विचारधारा, योजनाओं, कार्यक्रमों को युवाओं तक पहुंचाने और जोड़ने में काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं से बारहवीं कक्षा के छात्रों से संपर्क साधने को कहा है।
भाजपा ने दलितों को लुभाने के लिए 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर कई कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। पार्टी इस दौरान हर पंचायत और वार्ड में हफ्ते भर का कार्यक्रम चलाएगी।
इसके अलावा भाजपा 6 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस भी मनाएगी, जिसमें पार्टी के नेता और कार्यकर्ता स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लेंगे।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं को इस दौरान भीम एप के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर काम करने को कहा।
भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से डिजिटल भुगतान एवं एप के बारे में लोगों को शिक्षित करने को कहा गया ताकि वे आसानी से इस एप का इस्तेमाल कर सकें।
इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं से बाबा साहेब अंबेडकर के कार्यों और योगदान को प्रचारित करने के लिए भी कहा गया है।
भाजपा ने देश भर में अपने प्रभाव और पहुंच का विस्तार करने की योजना बनाई और उसे पूरा करने के लिए स्पष्ट रूप से राज्य इकाइयों के समक्ष खाका पेश किया है।
हाल ही में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में प्रचंड बहुमत और उससे पहले असम विधानसभा चुनावों में हासिल जीत के साथ केरल तथा पश्चिम बंगाल सरीखे राज्यों में पैर फैलाने में मिली कामयाबी से भाजपा के हौसले बुलंद हैं।
भाजपा अब देश भर में, खासकर कोरोमंडल समुद्रतट के किनारे बसे तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ केरल सरीखे राज्यों में, अपने जनाधार को व्यापक बनाने के नुस्खे तलाशने में जुट गई है। ओडिशा में हाल ही में पंचायत एवं स्थानीय चुनाव में भाजपा के दमदार प्रदर्शन को इसी पहल के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा ने कोरोमंडल क्षेत्र, केरल आदि की 120 लोकसभा सीटों पर विशेष ध्यान देते हुए स्थानीय इकाइयों को लोगों से ज्यादा से ज्यादा सम्पर्क साधने, जन धन योजना, मुद्रा बैंक, उज्ज्वला योजना और जननी सुरक्षा सरीखी केंद्र सरकार की योजनाओं को सामने रखने पर जोर दिया है। पार्टी स्वयं को अकेली राष्ट्रवादी पार्टी के तौर पर पेश करेगी।
पांच राज्यों में जीत के बाद भाजपा मुख्यालय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभिनंदन समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली जीत 2014 के लोकसभा चुनाव की हमारी जीत से बड़ी है। हमें 2019 में इससे बड़ा जनादेश मिलेगा।
उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में भाजपा की जीत की राजनीतिक यात्रा हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात के साथ ही देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों तक भी पहुंचेगी।
पार्टी का कहना है कि राजनीतिक प्रभुत्व का जहां तक सवाल है आज देश के 58 फीसदी हिस्से में भाजपा का शासन है और सहयोगी दलों को मिला दें तो 65 फीसदी हिस्से पर शासन है। भाषा