गोडसे की प्रशंसा करने वाली एनआईटी प्रोफेसर को डीन नियुक्त किया गया, राजनीतिक दलों ने किया विरोध
कालीकट स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी-कालीकट) की एक प्रोफेसर को योजना एवं विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है जबकि उनके खिलाफ महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने पर पुलिस मामला लंबित है।
शैजा को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा कर दिया गया था। ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई)’, ‘स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई)’ और युवा कांग्रेस जैसे संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
अपनी टिप्पणी में शैजा ने महात्मा गांधी की हत्या करने और इस तरह ‘भारत को बचाने’ को लेकर गोडसे पर कथित तौर पर ‘गर्व’ व्यक्त किया था।
राजनीतिक दलों ने डीन के रूप में शैजा की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डीवाईएफआई ने एनआईटी तक मार्च करने की घोषणा की है।
निदेशक के आदेश में शैजा को सात मार्च तक मौजूदा डीन डॉ. प्रिया चंद्रन के साथ काम करने का निर्देश दिया गया है, ताकि (जिम्मेदारी का) ‘सुचारू हस्तांतरण’ हो सके। यह नियुक्ति शुरू में अगले दो साल/अगले आदेश तक के लिए है।
कुन्नमंगलम पुलिस ने शैजा से चथमंगलम स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी। कुन्नमंगलम की अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दी थी।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाऊ बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया था।