छत्तीसगढ़: महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों पर बवाल जारी, सीएम बघेल बोले- बापू को गाली देकर कोई पाखंडी सफल नहीं हो सकता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को महात्मा गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज की खिंचाई की और कहा कि अगर कोई "पाखंडी" सोचता है कि वह राष्ट्रपिता को गाली देकर और समाज में जहर फैलाकर अपने इरादे में सफल हो सकता है, तो यह उसका भ्रम है।
बघेल ने कहा कि अगर कोई इस तरह की टिप्पणी कर लोगों को भड़काने की कोशिश करेगा तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। बघेल ने कहा, “बापू (महात्मा गांधी) को गाली देकर और समाज में जहर फैलाकर, अगर कोई पाखंडी सोचता है कि वह अपने इरादे में सफल होगा, तो यह उसका भ्रम है। उनके आकाओं को भी सुनना चाहिए..जो कोई भी भारत और सनातन संस्कृति दोनों की आत्मा को ठेस पहुंचाने की कोशिश करता है... न तो संविधान उन्हें बख्शेगा और न ही जनता उन्हें स्वीकार करेगी.'
इससे पहले दिन में रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने कहा कि जो कोई भी इस तरह की टिप्पणी कर लोगों को भड़काने की कोशिश करेगा, उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर के रावण भाटा मैदान में रविवार शाम दो दिवसीय धर्म संसद के समापन के दौरान कालीचरण महाराज ने कथित तौर पर महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी।
उन्होंने कार्यक्रम में कहा था, "इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है। हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में (विभाजन का जिक्र करते हुए) कब्जा कर लिया था ... उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था ... मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने गांधी की हत्या की।"
धर्मगुरु के बयान पर एक सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, ''जो कोई भी व्यक्ति होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''
सीएम ने कहा, "मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।"
रायपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने पहले कहा कि कांग्रेस के एक नेता की शिकायत के आधार पर कालीचरण महाराज के खिलाफ रविवार रात टिकरापारा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने वाले बयान) और 294 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।