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22 February 2024

पंजाब-हरियाणा सीमा पर हिंसा में एक किसान की मौत, 12 पुलिसकर्मी घायल

पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प में 21 वर्षीय एक किसान की मौत हो गई तथा लगभग 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसान नेताओं ने कहा कि 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च के शुरू होने के बाद से हुई झड़पों में यह पहली मौत है। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि मृतक की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बलोके गांव निवासी शुभकरण सिंह (21) के रूप में हुई है।

पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एच.एस. रेखी ने संवाददाताओं को बताया कि तीन लोगों को खनौरी सीमा से अस्पताल लाया गया, जिनमें से एक मृत था। रेखी ने कहा कि मृतक के सिर पर चोट लगी थी लेकिन उसकी मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल सकेगा।

उन्होंने कहा कि अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है। पंजाब के किसान दिल्ली में प्रवेश करने के लिए शंभू और खनौरी सीमा पर अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। खनौरी में किसानों ने दावा किया कि आंसू गैस के गोले के अलावा हरियाणा पुलिस ने रबड़ की गोलियां भी चलाईं।

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हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया, जिससे पुलिस के 12 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने खनौरी सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घेरने के बाद पराली पर मिर्च पाउडर डाला और आग लगा दी। उन्होंने बताया कि जहरीले धुएं से इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उन्हें आंखों में जलन का सामना करना पड़ा।

हरियाणा पुलिस ने किसानों से शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से आग नहीं लगाने का भी आग्रह किया क्योंकि धुएं से दृश्यता कम हो जाती है और पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत होती है। प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से ‘बल’ प्रयोग करने के लिए हरियाणा पुलिस की आलोचना करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ सरकार उनसे बातचीत करना चाहती है जबकि दूसरी तरफ एक मां का बेटा है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्ज माफी पर कानून के लिए आया था अपनी जान गंवा बैठा।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि एक युवा किसान की मौत होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बल प्रयोग किया गया। उन्होंने हरियाणा पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, ”यह लोकतंत्र की हत्या है।” शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने युवा किसान की मौत को ‘बेहद दुखद’ करार दिया।

बादल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”खनौरी सीमा पर हरियाणा पुलिस की गोलीबारी में मौर (बठिंडा) के युवक शुभकरण सिंह की मौत से पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई है। दो बहनों के इकलौते भाई की मौत के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का षड्यंत्र जिम्मेदार है।” बादल ने आरोप लगाया, ”दूसरे राज्य की पुलिस को पंजाब की धरती पर पंजाबियों पर हमला करने और उन्हें मारने की अनुमति है। भगवंत मान, पंजाब के किसानों के खिलाफ हरियाणा के साथ सहयोग कर रहे हैं। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध का गोलियों से सामना करना पहले कभी नहीं सुना। शुभकरण सिंह का खून भगवंत मान के हाथों पर लगा है।”

 

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TAGS: Punjab haryana border, farmer protest, Farmer agitation at Haryana border, Narendra modi, farm laws, Loksabha election 2024
OUTLOOK 22 February, 2024
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