प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हुए महाकुंभ को भारत के इतिहास में अहम मोड़ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि दुनिया ने देश के विराट स्वरूप को देखा और यह ‘सबका प्रयास’ का साक्षात स्वरूप भी था, जिसमें ‘एकता का अमृत’ समेत कई अमृत निकले।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य के बाद कहा कि उन्होंने (मोदी ने) आयोजन स्थल पर भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी और सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला।
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रोजगार के बारे में बोलना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जो कहा, मैं उसका समर्थन करना चाह रहा था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। हमारी एक ही शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी, जिन्होंने कुंभ में (भगदड़ के दौरान) जान गंवाई। कुंभ की अपनी जगह है, लेकिन कुंभ में जो युवा गए थे, वे प्रधानमंत्री से एक और चीज चाहते हैं, और वह है रोजगार। प्रधानमंत्री को रोजगार पर भी बोलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक, सदन में विपक्ष के नेता को बोलने का मौका मिलना चाहिए, लेकिन वे हमें बोलने नहीं देंगे। यही नया भारत है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘संसद में प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद विपक्ष को भी बोलने देना चाहिए था, क्योंकि कुंभ के विषय पर विपक्ष की भी भावनाएं हैं, जिसे लेकर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसलिए विपक्ष को भी इस बारे में बोलने देना चाहिए था।’’
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का भाषण नुकसान की भरपाई (डैमेज कंट्रोल) वाला भाषण है। वह अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में ‘डैमेज कंट्रोल मोड’ में हैं... वह चाहते हैं कि उनके सांसद तारीफ करें, लेकिन ट्रंप ने टैरिफ लगा दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह वही प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने संसद के पटल पर एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है। यह वही प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने एक भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित नहीं किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) सप्ताह में कम से कम एक बार संवाददाता सम्मेलन को अवश्य संबोधित करती हैं।’’
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व क्षण था जब प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी संस्कृति, आध्यात्मिकता के प्रतीक महाकुंभ के बारे में बात की। यह हम सभी के लिए गर्व की बात थी। लेकिन कुछ लोगों को इसमें भी नकारात्मकता नजर आई। ये वही लोग हैं जिन्होंने भारत की महानता को कभी स्वीकार नहीं किया।’’
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस आयोजन में सिर्फ ‘औरंगजेब फैन क्लब’ के लोग नहीं आए।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को लेकर बयान दिया। निश्चित तौर पर इतने बड़े पैमाने पर कोई दूसरा आध्यात्मिक आयोजन नहीं हुआ है। महाकुंभ में कोई छोटा-बड़ा नहीं था, सब बराबर थे... महाकुंभ से एकता का संदेश दुनिया तक पहुंचाने के लिए हम प्रधानमंत्री को बधाई देते हैं।’’
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, ‘‘यह दुनिया में अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक था। पवित्र स्नान करने वाले करोड़ों लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना महत्वपूर्ण था। प्रधानमंत्री ने संसद में उनका आभार जताया।’’