विपक्ष का कटाक्ष: बाहर पेपर लीक और संसद भवन में भी ‘लीक’
विपक्ष के कई नेताओं ने नए संसद भवन की एक लॉबी में ‘‘पानी के रिसाव’’ को लेकर बृहस्पतिवार को मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले ‘पेपर लीक’ हुआ और अब संसद के भवन में ‘लीक’ हो गया है।
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य मणिकम टैगोर ने ‘एक्स’ पर नए संसद भवन की एक लॉबी में छत से पानी रिसने और उसे इकट्ठा करने के लिए रखी बाल्टी का एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस भी दिया।
टैगोर ने कहा, ‘‘बाहर पेपर लीक और अंदर ‘वाटर लीक’ (पानी का रिसाव)। संसद लॉबी में हाल ही में पानी का रिसाव नयी इमारत बनने के ठीक एक साल बाद मौसम की स्थिति से जुड़ी इसकी क्षमता को उजागर करता है।’’स
माजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। ’’
यादव ने कहा, ‘‘जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनायी गयी डिजाइन का हिस्सा होता है या फिर…......।’’ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘‘संसद लॉबी से पानी का रिसाव हो रहा है। यह देखते हुए कि इमारत नरेन्द्र मोदी के अहंकार से जुड़ी इमारत है, यह उचित ही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद यह डंवाडोल हो गई है। ‘भारत मंडपम’ में भी इसका स्पष्ट उदहारण है।’’
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने दावा किया कि कुछ घंटों की बारिश के बाद देश की राजधानी की हालत खराब हो गई। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘संसद से लेकर सड़कों तक सब कुछ पानी में डूबा हुआ है। 100 साल पहले बने पुराने संसद भवन में कभी कोई रिसाव नहीं हुआ, लेकिन एक साल पहले बनी नई संसद से रिसाव शुरू हो गया है।’’
लोकसभा सचिवालय ने आज एक बयान में कहा, ‘‘भवन की लॉबी के ऊपर गुंबद के शीशे को फिक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ‘एडहेसिव’ थोड़ा हट गया, जिससे लॉबी में पानी का मामूली रिसाव हुआ था।’’ सचिवालय ने कहा कि किसी तरह का जल जमाव नहीं हुआ है।