कांग्रेस से असंतुष्ट पप्पू यादव, पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बृहस्पतिवार को बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। असंतुष्ट कांग्रेस नेता मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वायन अधिकारी (आरओ) के कार्यालय में पहुंचे।
यादव जब आरओ कार्यालय पहुंचे तो वहां कोई भी कांग्रेस नेता मौजूद नहीं था। अपना नामांकन दाखिल करने से कुछ क्षण पहले उन्होंने घोषणा की, ‘‘मैं अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहूंगा।’’
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा, ‘‘मुझे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं... कई लोगों ने मेरी राजनीतिक हत्या करने की साजिश रची। पूर्णिया की जनता ने हमेशा पप्पू यादव को जाति-धर्म से ऊपर रखा है। मैं ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करूंगा... और मेरा संकल्प राहुल गांधी को मजबूत बनाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूर्णिया से सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि यहां के लोग चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूं। मैं पूर्णिया, सीमांचल और बिहार के लोगों के कल्याण के लिए लड़ता रहूंगा।’’ 1990 के दशक में पूर्णिया सीट का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके पप्पू यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आश्वासन प्राप्त होने का दावा करते रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन सीट पर मतदान होगा उनमें पूर्णिया भी शामिल है। पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की घोषणा करने वाले पप्पू यादव ने बुधवार को कहा था, ‘‘जिन्होंने मुझे अपमानित किया है उन्हें 26 अप्रैल को मां पूर्णिया द्वारा दंडित किया जाएगा, वे अपनी जमानत खो देंगे।’’
पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। यादव ने एक पखवाड़े पहले बेटे सार्थक के साथ 2015 में स्थापित की गयी अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर मधेपुरा लोकसभा सीट जीतने के एक साल बाद ही पार्टी से नाता तोड़ते हुए जन अधिकार पार्टी बनाई थी।
पूर्णिया और मधेपुरा के साथ सुपौल सीट महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे के तहत राजद के खाते में चली गई। इससे यादव की अब सुपौल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की योजना विफल हो गई। सुपौल सीट का प्रतिनिधित्व पहले रंजीत रंजन करती थीं। यादव ने कुछ दिन पहले केरल के वायनाड का उदाहरण देते हुए पूर्णिया में ‘दोस्ताना लड़ाई’ होने की संभावना जतायी थी