ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा स्पीकर चुने गए, कांग्रेस-टीएमसी ने भी किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिरला 17वीं लोकसभा के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। बुधवार को कार्यवाही शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे कांग्रेस, टीएमसी समेत कई दलों के सांसदों ने समर्थन दिया। इसके बाद मोदी खुद उन्हें चेयर तक लेकर आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे डर है कि बिरलाजी की नम्रता और विवेक का कोई दुरुपयोग न कर ले। कोटा-बूंदी से सांसद बिरला ने मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिरला के नाम के प्रस्ताव का केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई सदस्यों ने समर्थन किया। कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के घटक दलों ने भी एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला को समर्थन देने का फैसला किया। जिसके बाद बीजेपी सांसद ओम बिरला लोकसभा के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं।
पीएम मोदी ने की ओम बिरला की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा कि हार्ड कोर पॉलिटिक्स का जमाना जा रहा है और ओम बिरला की कार्यशैली समाजसेवा में रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात में भूकंप के दौरान बिरला लंबे समय तक कच्छ में रहे और वहां सेवा का काम किया। बिरला का काम भूखे लोगों को ढूंढ़कर उन्हें खाना खिलाना, गरीबों को कपड़े देना और उनके लिए काम करना है।
कांग्रेस दल के नेता चौधरी ने दी ओम बिरला को बधाई
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप कृषि से जुड़े हैं इसलिए हम चाहते हैं कि किसानों की समस्याओं पर ज्यादा से ज्यादा चर्चा हो। हमारी पार्टी की नीयत साफ है।
कोटा साउथ सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं बिरला
ओम बिरला अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हें संगठन की जिम्मेदारी भी दी गई थी। ओम बिरला कोटा से साल 2014 और अब साल 2019 में सांसद का चुनाव जीते हैं। सांसद बनने से पहले बिरला 3 बार कोटा साउथ सीट से विधायक भी रह चुके हैं।
2004-08 तक राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे
ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटा में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्रसंघ चुनाव से की। बिरला 2003, 2008 और 2013 यानी तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। 2004 से 2008 तक राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे। वह 6 साल तक अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष रहे। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2,79,677 वाटों से हराया था। उन्हें कुल 8,00,051 वोट मिले थे। कोटा से वे 2014 में भी सांसद चुने गए थे।