“एक तरफ राम मंदिर बनाया जा रहा, दूसरी तरफ सीता जलाई जा रही”, कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर हंगामा
एक तरफ “सीता को जलाया जा रहा है” जबकि राम मंदिर बनाने की योजनाएं चल रही हैं। लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की इस टिप्पणी पर काफी हंगामा मचा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि विपक्ष मामले को राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग दे रहा है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाने के मुद्दे को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि एक तरफ राम मंदिर (अयोध्या में) बनाने की योजना पर काम चल रहा है, तो दूसरी ओर सीता को जलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कहां तो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की बात की जाती है, लेकिन यह “अधर्म प्रदेश” बन गया है। बीच में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि रेप की घटनाओं और महिलाओं की हत्या को सांप्रदायिक और राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य पश्चिम बंगाल के मालदा में इसी तरह की घटना पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
ईरानी ने कहा, “हां, महिलाओं को जलाना निंदनीय है। हां, रेप और महिलाओं की हत्या अमानवीय है, लेकिन इस मुद्दे का राजनीतिकरण मत कीजिए। पहले किसी ने भी सदन में इस मुद्दे का सांप्रदायीकरण नहीं किया है।”
कांग्रेस ने सदन से किया वॉक आउट
कांग्रेस सांसदों ने उन्नाव की घटना के विरोध में लोकसभा से वॉक आउट किया। उन्नाव में रेप पीड़िता को आग लगा दी गई थी। वॉक आउट से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “उन्नाव की पीड़िता 95 फीसदी जल चुकी है, देश में आखिर क्या चल रहा है? एक तरफ राम मंदिर बनाया जा रहा है और दूसरी तरफ सीता मैया को जलाया जा रहा है। अपराधियों में इतनी हिम्मत कहां से आ गई?”
रेप पीड़िता दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत से जूझ रही है। उसने इसी साल मार्च में केस दर्ज कराया था, जो उन्नाव के स्थानीय अदालत में विचाराधीन है। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को शुभम, शिवम, हरिशंकर, उमेश और राम किशोर के रूप में पांच लोगों की पहचान की गई है। इन सभी ने कथित रूप से महिला पर केरोसीन छिड़कर उसे आग के हवाले कर दिया। महिला उस वक्त रेप केस में सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और कहा कि पीड़िता का इलाज सरकार के खर्चे पर होगा। साथ ही, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले 23 वर्षीय पीड़िता को लखनऊ के एसएमसी सरकारी अस्पताल से एयर लिफ्ट के जरिए सफदरजंग अस्पताल लाया गया।