मणिपुर कांग्रेस की राज्यपाल से अपील: मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं
मणिपुर हिंसा को लेकर अब पूरा देश बात कर रहा है। लोकसभा और राज्यसभा में हालांकि, पक्ष और विपक्ष के बीच के हंगामे के कारण चर्चा नहीं हो सकी है लेकिन अब मणिपुर में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से राज्य में "चल रही भयंकर उथल-पुथल" पर चर्चा के लिए विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने का अनुरोध किया है।
सीएलपी नेता ओकराम इबोबी सिंह समेत पांच कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा, "विधानसभा स्थिति पर चर्चा करने और मई की शुरुआत से जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के बारे में सुझाव प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त मंच है।"
पत्र में कहा गया, "हम मणिपुर विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की हमारी तत्काल मांग पर आपके संवैधानिक हस्तक्षेप की मांग करते हैं, ताकि मणिपुर में पिछले लगभग तीन महीनों से चल रही अभूतपूर्व उथल-पुथल पर चर्चा की जा सके।"
यह दावा भी किया गया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस मुद्दे पर बहस के लिए विधानसभा के आपातकालीन सत्र के लिए कई हलकों से आए अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया। गौरतलब है कि लगभग तीन महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़की थी। बता दें कि मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।