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20 October 2023

कैश फॉर क्वेरी मामला: मोइत्रा और दुबे की लड़ाई हाईकोर्ट पहुंची, केंद्रीय मंत्री ने कही ये बड़ी बात

तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'कैश फॉर क्वेश्चन' के आरोप लगे हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद से ही बयानबाज़ी का दौर जारी है। एक तरफ़ यह लड़ाई हाईकोर्ट पहुंच गई। तो वहीं इस बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि संसद की प्रक्रिया में रिश्वत की कोई जगह नहीं है।

इस मामले ने बीते कुछ दिनों में काफी तूल पकड़ा है। अब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "संसदीय प्रक्रिया में रिश्वतखोरी के लिए कोई जगह नहीं है। यह मामला लोकसभा आचार समिति के समक्ष है जो अपना काम कर रही है।"

आपको बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच कानूनी लड़ाई शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में पहुंच गई, जहां निशिकांत दुबे के वकील ने कहा कि मोइत्रा को संसद में प्रश्न पूछने के लिए उपहार मिले थे।

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निशिकांत दुबे की ओर से पेश वकील अभिमन्यु भंफारी ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष प्रस्तुत किया, "कल प्रेस में, एक व्यवसायी ने एक हलफनामा प्रसारित किया है कि उसने याचिकाकर्ता को महंगे उपहार दिए हैं।"

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने अंतरिम निषेधाज्ञा पर जोर देते हुए अदालत से कहा, ''वह समाज में प्रतिष्ठा के साथ एक सार्वजनिक हस्ती हैं...दुर्भाग्य से वह देहदारी की मित्र थीं।''

जब महुआ मोइत्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शंकरनारायण अपनी बात रख रहे थे, तो अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई, जिनके खिलाफ भी निषेधाज्ञा मांगी गई थी, ने मामले में उनके पेश होने पर आपत्ति जताई।

देहादराय व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और अदालत को बताया कि शंकरनारायणन ने कल रात उनसे संपर्क किया और कुत्ते के बदले में उनसे अपनी सीबीआई शिकायत वापस लेने को कहा। इन दलीलों के बाद, शंकरनारायण मामले से हट गए और इसलिए, मामले को 31 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया गया।

इस बीच संसद की आचार समिति ने भाजपा सांसद द्वारा कथित 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में दायर शिकायत पर मौखिक साक्ष्य देने के लिए निशिकांत दुबे और वकील देहाद्राई दोनों को बुलाया है।

इससे पहले निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में, जिसका शीर्षक था, आईपीसी की धारा 120ए के तहत टीएमसी पर "संसद में 'पूछताछ के लिए नकद' का गंदा मामला फिर से उभरना'', ''विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन'', 'सदन की अवमानना' और 'आपराधिक अपराध'' का आरोप लगाया था।

दुबे ने दावा किया कि वकील, जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें कथित रिश्वत के सबूत उपलब्ध कराए थे। इस पत्र के जवाब में टीएमसी सांसद ने कहा था कि वह अन्य भाजपा सांसदों द्वारा कथित विशेषाधिकार हनन के मामले में स्पीकर द्वारा जांच का स्वागत करेंगी।

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TAGS: Mahua moitra cash for query allegations, Trinamool Congress party, Union Minister Dharmendra Pradhan
OUTLOOK 20 October, 2023
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