भूमि अधिग्रहण विधेयक लोस में पेश, ब्लैकमनी बिल पास
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के विरोध और वाकआउट के बीच सरकार ने आज विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल और वाम दलों के सदस्यों ने विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि जब इस संबंध में एक विधेयक पहले से ही राज्यसभा में लंबित है तो विधेयक कैसे पेश किया जा सकता है। उधर, काले धन पर अंकुश लगाने के लिए लाए जा रहा विधेयक भी आज लोकसभा में पास हो गया है।
सदस्यों की आपत्तियों के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्राा महाजन ने कहा, जिस विधेयक को पेश करने का प्रस्ताव है उसके जैसा कोई विधेयक लोकसभा में लंबित नहीं है और इसके बाद उन्होंने विधेयक पेश करने को लेकर सदन की राय जाननी चाही। इस दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों के सदस्यों सदन से वाकआउट कर गए। विपक्ष के भारी विरोध के बीच संसदीय मामलों के मंत्राी एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार आज इस विधेयक को पारित नहीं कराने जा रही है , आज केवल इसे पेश किया जा रहा है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के कड़े विरोध को खारिज करते हुए कहा कि यह किसान हितैषी विधेयक है। नायडू ने कड़े शब्दों में कहा, यदि विपक्ष राजनीतिक बयानबाजी करता रहेगा और अलोचना करेगा , तो सरकार बैठकर देखती नहीं रह सकती।
विधेयक को किसान विरोध बताते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों और कॉरपोरेट के हितों के लिए काम कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि विधेयक में भूमि मालिकों की सहमति, सामाजिक प्रभाव के आकलन तथा खाद्य सुरक्षा से जुड़े कुछ प्रावधानों को हटा लिया गया है। माकपा के एम. बी. राजेश ने कहा कि इस मुददे को लेकर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। इसे लेकर लोगों की गंभीर चिंताए हैं क्योंकि इससे कॉरपोरेट किसानों की जमीन कब्जाएंगे।