हरियाणा स्याही विवाद: चुनाव आयोग ने सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा
चुनाव आयोग ने एक अभूतपूर्व फैसले में हरियाणा विधानसभा सचिव आरके नंदाल के खिलाफ कार्रवाई के अलावा मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया। आयोग ने हरियाणा विधानसभा के सचिव नंदाल को उससे तथ्य छिपाने और इसके कानूनी निर्देशों का जानबूझ कर अनुपालन नहीं करने को लेकर दोषी ठहराया। साथ ही आयोग ने कहा कि उनके खिलाफ कार्यवाही छह महीने के अंदर पूरी होनी चाहिए और अनुशासनात्मक कार्यवाही पर कोई आखिरी फैसला चुनाव आयोग से परामर्श करने के बाद सक्षम प्राधिकार द्वारा किया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि आयोग के विचार में यह कर्तव्य निर्वहन में निगरानी नियंत्रण और लापरवाही का एक गंभीर मामला है जिसके तहत वोटिंग कंपार्टमेंट में एक अवैध कलम पाई गई और मत पत्रों पर निशान लगाने में अनधिकृत कलम का गुप्त रूप से इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते 12 मतपत्र खारिज हो गए। आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नंदाल के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
हालांकि, एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी के खिलाफ आयोग की अभूतपूर्व कार्रवाई राज्य सभा चुनाव के नतीजे को प्रभावित नहीं करेगी, जिसमें भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस समर्थित आरके आनंद को हराया था। नंदाल के खिलाफ चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद सूत्रों ने बताया कि चुनाव का मुद्दा एक चुनाव याचिका के जरिये निपटाया जा सकता है क्योंकि चुनाव हो जाने के बाद आयोग की कोई भूमिका नहीं रह जाती। नंदाल चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी थे। गौरतलब है कि राज्य सभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस और अन्य 12 विधायकों के वोट को अवैध घोषित किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया था। बताया गया कि विधायकों ने आधिकारिक रूप से आपूर्ति की गई स्याही की बजाय दूसरे रंग की स्याही का इस्तेमाल अपनी वरीयता अंकित करने में किया था। ईसी ने बताया कि हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को भी इस मामले में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे एक पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की जाए ताकि इस घटना के पीछे मौजूद लोगों की पहचान सुनिश्चित हो सके और उन पर मामला दर्ज हो सके। सीईओ को निर्देश देते हुए आयोग ने कहा कि चुनाव ड्यूटी या अन्य तरह से मौजूद रहे अधिकारियों, जिनके कार्य से कथित तौर पर कलम या स्याही बदली गई उनकी पहचान की जा सकती है और उनके खिलाफ कानून के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। गौरतलब है कि 11 जून 2016 को नतीजे की घोषणा के दो दिनों बाद आयोग को आनंद और हरियाणा कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर से एक शिकायत मिली थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि मतदान प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।