कश्मीर समस्या के लिए शाह ने लिया 'नेहरू' का नाम, भड़की कांग्रेस
संसद के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को लोक सभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन छह माह बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे परिवारों को आरक्षण देने के प्रस्ताव संबंधी बिलों पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा हमारे पास नहीं है। क्योंकि यह पुरानी पार्टी द्वारा की गई "बड़ी ऐतिहासिक गलती" है। उन्होंने कहा कि नेहरू ने कश्मीर नीति पर देश के गृहमंत्री को भी भरोसे में नहीं लिया था और अगर लेते तो आतंकवाद का मूल ही खत्म हो जाता। नेहरु का नाम लेने पर लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर की वर्तमान स्थिति के लिए दोषी ठहराते हुए शाह ने पूछा कि किसने "युद्धविराम" किया था। उन्होंने कहा,"यह जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने इसे किया और उस हिस्से (पीओके) को पाकिस्तान को दे दिया। आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में नहीं लेते हैं, लेकिन नेहरू जी ने तत्कालीन गृह मंत्री को विश्वास में लिए बिना किया। इसलिए मनीष (तिवारी) जी। हमें इतिहास मत पढ़ाओ।"
लोकसभा में बोलते हुए शाह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि पहले आतंकी घटनाओं का जवाब नहीं दिया जाता था हम सिर्फ सुनते थे, लेकिन मोदी सरकार ने एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवाद का सफाया किया। शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता विभाजन पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन इस विभाजन की सहमति किसने की, यह गलती हमने नहीं आपकी पार्टी ने की है।
उन्होंने आगे कहा कि एनडीए की अगुवाई वाली सरकार पाकिस्तान में आतंकवाद की जड़ों को निशाना बनाएगी, भारत की रक्षा में सर्जिकल और हवाई हमले किए गए थे।
शाह ने "भारत विरोधी राजनीति" करने वालों की सुरक्षा वापस लेने को उचित ठहराया।
गृहमंत्री ने कहा, 'विशिष्ट परिस्थिति के कारण राष्ट्रपति शासन का समय बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस के बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण हुई है।' गृहमंत्री ने कहा, ‘ 356 का इस्तेमाल राजनीति नहीं है। 132 बार लागू धारा 356 का 92 बार इस्तेमाल कांग्रेस राज में हुआ।
शाह ने कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई है और मुझे यकीन है कि हम अपने नागरिकों की मदद से इसे हासिल करने में सफल होंगे।"
जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल लोकसभा से पारित
जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस पर लाए गए विपक्ष के किसी संशोधन को सदन में मंजूरी नहीं मिली। आरक्षण संशोधन के प्रस्ताव को पेश करते हुए गृहमंत्री ने कहा था कि इससे राज्य के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के आस-पास गोलीबारी के बीच रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
जब आयोग कहेगा तब होंगे चुनाव
अमित शाह ने कहा कि आज सरकार कश्मीर के लोगों को अधिकार दे रही है और अब तीन परिवारों के पास से निकलकर जनता तक अधिकार जा रहे हैं। शाह ने कहा कि हमने चुनाव में खून की नदियां बहती देखी हैं लेकिन कश्मीर में पंचायत और लोकसभा के चुनाव शांति के माहौल में हुए। आपको नियंत्रण की स्थिति पसंद नहीं आती क्योंकि आपका और हमारा नजरिया अलग है। जिनके मन में कश्मीर में आग लगाने की मंशा है, अलगाववाद की मंशा है, उनके मन में भय है, रहना चाहिए और बढ़ेगा। शाह ने कहा कि चुनाव आयोग जब कहेगा हम चुनाव करा लेंगे।
नेहरू का नाम लिए जाने पर कांग्रेस का हंगामा
लोकसभा में भारत के पहले प्रधानमंत्री प.जवाहर लाल नेहरू के जिक्र पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेसी सांसद अपनी सीटों से खड़े होकर विरोध करने लगे। इस पर स्पीकर ने सदन में शांति की अपील की और कहा कि आपके सदस्यों के भाषण के वक्त सत्तापक्ष के लोगों को चुप कराया गया था। कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच अमित शाह ने कहा कि अब अपने जवाब में मैं पं. नेहरू का नाम नहीं लूंगा बल्कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री का जिक्र करूंगा। जिसके बाद कांग्रेसी सांसदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया।