लोकसभा में हंगामे की भेंट चढ़े 127 घंटे, 34 घंटे ही चला सदन
बजट सत्र में लोकसभा के सदस्यों के हंगामे की वजह से 127 घंटे से अधिक बर्बाद हो गए। बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा विरोध की वजह से लगभग रोज लोकसभा की कार्यवाही प्रभावित हुई। बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू हुआ था।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 29 बैंठकों के दौरान सदन की कार्यवाही महज 34 घंटे और पांच मिनट ही चल पाई। वहीं, सदस्यों द्वारा बाधा पहुंचाए जाने और स्थगन से कुल 127 घंटे और 45 मिनट की कार्यवाही प्रभावित हुई। महाजन ने कहा कि सरकार के जरूरी कामकाज पर नौ घंटे और 47 मिनट ही चर्चा हो सकी।
उन्होंने बताया कि सदन में कुल 580 तारांकित प्रश्नों में से सिर्फ 17 के ही जवाब दिए जा सके। इस तरह हर रोज औसतन “0.58” सवालों के ही जवाब दिए जा सके। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सिर्फ पांच विधेयक ही पेश हो सके और इतने ही पास हुए।
वहीं, राष्ट्रपति के संबोधन पर 10 घंटे 43 मिनट तक चर्चा हुई, जबकि बजट के दिन 12 घंटे और 13 मिनट काम हो सका। मंत्रियों ने अहम मुद्दों पर 43 बयान दिए और 1,185 डॉक्यूमेंट पटल पर रखे गए।