महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में विधायकों ने ली शपथ, देखिए, वीडियो और तस्वीरें
भारी सियासी उठापटक के बाद महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है। प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद कोलंबकर ने सभी 288 विधायकों को भी पद-गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने विधानसभा में सभी विधायकों की अगवानी की। सुप्रिया अपने भाई अजित पवार के गले भी लगीं। सुप्रिया ने कहा कि हमारी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं। पूरे महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। गौरतलब है कि लगभग एक महीने से चल रहे सियासी घटनाक्रम के खत्म होने पर उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया है। गुरुवार देर शाम उद्धव मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस-अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आज महाराष्ट्र विधानसभा की विशेष बैठक बुलाई गई। बैठक में सभी 287 विधायकों को शपथ दिलाई गई। इससे पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने विधानसभा में सभी विधायकों की अगवानी की। सुप्रिया अपने भाई अजित पवार के गले भी लगीं। सुप्रिया ने कहा कि हमारी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं। पूरे महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। वहीं एनसीपी नेता रोहित पवार ने कहा कि हमें खुशी है कि अजित पवार की वापसी हुई है, वो आज यहां पर हैं। वह एनसीपी का ही हिस्सा हैं और अब उनकी देखरेख में काम करेंगे।
#WATCH NCP leader Supriya Sule welcomed Ajit Pawar and other newly elected MLAs at #Maharashtra assembly, earlier today. #Mumbai pic.twitter.com/vVyIZfrl1x
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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस का स्वागत करतीं एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले
शपथ लेते नवनिर्वाचित विधायक
Mumbai: Newly-elected Maharashtra MLAs take oath at the special Assembly session called by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari. pic.twitter.com/5Xg17143RH
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शपथ ग्रहण के बाद अब सबकी नजर सरकार गठन पर होगी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को होटल ट्राइडेंट में मंगलवार को तीनों दलों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी नाम दिया) के विधायकों की बैठक में गठबंधन का नेता चुना गया। इसके बाद देर शाम महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचा। इसमें आदित्य ठाकरे के साथ बालासाहेब थोराट, एकनाथ शिंदे, छगन भुजबल समेत कई नेता शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उद्धव 28 नवंबर शाम 6.40 बजे शिवाजी पार्क में शपथ लेंगे। वे राज्य के 29वें मुख्यमंत्री होंगे।
कल फडणवीस ने दिया था इस्तीफा
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फडणवीस ने बहुमत ना होने की बात कही और पद छोड़ दिया। इसके बाद कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार बनना तय हो गया। देर शाम तीनों पार्टियों की बैठक हुई और उद्धव ठाकरे को नेता चुन लिया गया।
पहली बार ठाकरे परिवार से कोई बनेगा सीएम
ठाकरे परिवार का दबदबा प्रदेश की राजनीति महत्वपूर्ण बनी रही है लेकिन पहली बार ठाकरे परिवार से कोई मुख्यमंत्री बनेगा। अबतक ठाकरे परिवार खुद को चुनाव से दूर रखता आया था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में परिवार ने इस परंपरा को तोड़कर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। यह संकेत था कि अब शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए सारा जोर लगाएगी। 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होने के बाद से ही शिवसेना ने बीजेपी पर आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का दबाव डालना शुरू कर दिया। हालांकि, भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद बदली परिस्थितियों में खुद उद्धव को सीएम पद के लिए तैयार होना पड़ा।
प्रतिशोध की भावना नहीं रहेगी
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी। उन्होंने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘सरकार गठन के बाद मैं अपने ‘बड़े भाई’ से मिलने दिल्ली जाऊंगा।’ मोदी ने चुनावी रैलियों के दौरान उद्धव को ‘अपना छोटा भाई’ बताया था।
मुझे शक है कि तीन पहियों की यह सरकार स्थिर रह पाएगी: फडणवीस
इस्तीफे की घोषणा करने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेनद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना-बीजेपी को बहुमत दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अपना रुख बदल लिया। हमने कभी भी ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले का वादा नहीं किया था। अमित शाह ने साफ किया था कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा। सीटें देख कर शिवसेना ने अपना रुख बदल लिया था। हमसे बात करने की बजाय उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी से बात की। उन्होंने कहा कि मुझे शक है कि तीन पहियों की यह सरकार स्थिर रह पाएगी। भाजपा प्रभावी विपक्ष की तरह काम करेगी और लोगों की आवाज उठाएगी। सत्ता की भूख इतनी ज्यादा है कि शिवसेना के नेता सोनिया गांधी के साथ भी गठबंधन को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने तय किया था कि हम कभी हॉर्स ट्रेडिंग नहीं करेंगे और कभी कोई विधायक नहीं तोड़ेंगे।