राज्यसभा के निलंबित सांसदों के समर्थन में विपक्ष ने लोकसभा सत्र का किया बहिष्कार
संसद के मानसून सत्र के दौरान कृषि विधेयकों के खिलाफ हंगामा कर रहे सांसदों के निलंबन पर राजनीति जारी है। अब निलंबित राज्यसभा सांसदों के समर्थन में विपक्षी दलों की प्रमुख पार्टी कांग्रेस ने लोकसभा सत्र का बहिष्कार किया है। इससे पहले निलंबित किए गए आठ सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुजारिश के साथ विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा का बहिष्कार करने का ऐलान किया।
उल्लेखनीय है कि रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
एक घंटे के निंलबन के बाद शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा जुड़वां भाइयों की तरह होते हैं। यदि कोई दुख में होता है, तो एक दूसरे को संभालना पड़ता है। हमारा मुद्दा कृषि बिलों से संबंधित है, हम चाहते हैं कि इसे वापस लिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर इसे वापस लेने के लिए सहमत होते हैं, तो हमें सत्र जारी रखने में कोई दिक्कत नहीं है।
वहीं, इसके पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि दूसरे सदन (राज्यसभा) में क्या होता है, इसकी चर्चा दूसरे सदन (लोकसभा) में कभी नहीं हुई। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब इस पर चर्चा की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा यहां नहीं करना चाहता हूं।
बता दें कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल सोमवार को पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
निलंबित सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम तथा आप के संजय सिंह शामिल हैं।