राष्ट्रपति ने यूएपीए के संशोधनों को दी मंजूरी, अब व्यक्ति को भी घोषित किया जा सकता है आतंकवादी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसके तहत व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019 में उन व्यक्तियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है, जिन्हें आतंकवादी घोषित किया जा चुका हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार की रात विधेयक को अपनी मंजूरी दी। लोकसभा ने 24 जुलाई को इस संशोधन विधेयक को पारित किया था जबकि राज्यसभा ने दो अगस्त को इसे पारित किया। अधिकारियों ने बताया कि भारत के सबसे वांछित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पहले ऐसे दो व्यक्ति हो सकते हैं जिन्हें इस विधेयक के तहत आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। यह कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक को ऐसे आतंकवादियों की संपत्तियां कुर्क करने का अधिकार देता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस कानून का इस्तेमाल केवल आतंकवाद से निपटने के लिए किया जायेगा। संसद में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान का विरोध किया था और बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की थी। इस बिल को लेकर विपक्ष की तरफ से सबसे अधिक नोकझोंक किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने लिए सरकार को अधिकार दिए जाने को लेकर हुई। विपक्ष ने इसे “काला कानून” बताते हुए बिल का विरोध किया। कांग्रेस के सांसद पी. चिदंबरम ने व्यक्ति को आतंकी घोषित करने को लेकर सवाल खड़े किए।
वहीं, माकपा के ई. करीम ने कहा कि सरकार “सरकारी आतंकवाद” थोप रही हैं और उसके हिसाब से विरोध में आवाज उठाने वाले को किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे व्यापक स्तर पर उत्पीड़न और अन्याय बढ़ेगा।