स्वामी ने फिर की विवादित टिप्पणियां, कांग्रेस ने जताया विरोध
गौरतलब है कि स्वामी ने कल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर विवाद में कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिया था जिस पर कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। आज उप सभापति पी जे कुरियन ने दूसरे देश के संविधान के संदर्भ संबंधी स्वामी की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने का आदेश देने के साथ साथ मीडिया को भी इस टिप्पणी को नहीं देने का आदेश दिया। स्वामी द्वारा दूसरे देश के संविधान का संदर्भ दिए जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। यह विवाद शून्यकाल में तब शुरू हुआ जब सपा के चौधरी मुनव्वर सलीम ने कहा कि स्वामी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे की रक्षा के लिए 1970 के दशक में चलाए गए आंदोलन का हिस्सा थे। इस पर स्वामी ने कहा कि उन्हें अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन संविधान में राज्यों पर इन संस्थानों का वित्तपोषण किए जाने पर रोक है।
विपक्षी सदस्यों ने इसका प्रतिवाद किया जिस पर स्वामी ने एक अन्य देश का नाम लेकर जवाब देना चाहा और उनके एेसा संदर्भ देने पर कांग्रेस के सदस्य आपत्ति जताते हुए आसन के समक्ष आ गए। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि दूसरे देश के संविधान का संदर्भ देने संबंधी टिप्पणी को वह कार्यवाही से निकाल रहे हैं। लेकिन कांग्रेस सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समक्ष उनका हंगामा जारी रहा। भाजपा सदस्य और उच्च सदन के लिए मनोनीत किए जाने के बाद सोमवार को सदन की सदस्यता की शपथ लेने वाले स्वामी इस बात पर कायम रहे कि अन्य सदस्य ने उनका नाम लिया है इसलिए जवाब देना उनका अधिकार है। उन्होंने एक बार फिर दूसरे देश का संदर्भ दिया और उन्हें आसन से इस बार कड़ी फटकार पड़ी।
कुरियन ने कहा मैं आपके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। सुब्रमण्यम स्वामी, आप बेवजह :दूसरे पक्ष को: उकसा रहे हैं। मुझे आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी.... आप उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी ने जो कुछ कहा, वह रिकाॅर्ड पर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा जो कुछ कार्यवाही से निकाला गया है, मीडिया को भी उसे नहीं देना चाहिए। कांग्रेस सदस्यों ने स्वामी की टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वह (स्वामी) दूसरे देश का संदर्भ दे कर उकसा रहे हैं। यह जानबूझकर किया जा रहा है।
उप सभापति ने हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि यह शून्यकाल को बाधित करने की सुनियोजित कोशिश है। कांग्रेस सदस्यों के शांत न होने पर आसन ने जानना चाहा कि टिप्पणियां कार्यवाही से निकाल दिए जाने के बावजूद आखिर समस्या क्या है। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा समस्या भाजपा के नए उपहार को लेकर है। समस्या इस ओर नहीं है। आजाद ने कहा कि स्वामी को इस सदन में आए गिने चुने दो दिन ही हुए हैं और उनकी टिप्पणियां दो बार कार्यवाही से निकाल दी गइ। उन्होंने आसन से सवाल किया एक साल में 365 दिन होते हैं, आप कितने बार उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाते रहेंगे।