Advertisement
09 December 2015

‘मंदिरों, वक्फ की संपत्ति समाज कल्याण में लगाओ’

गूगल

भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक, 2015 पर आज सदन में हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजू जनता दल के भृतुहरि मेहताब ने सभी प्रकार के न्यासों, सोसायटी और वक्फ बोर्डों के लिए एक व्यापक विधेयक लाए जाने की मांग की। भाजपा के हुकुम सिंह ने कहा कि देश में न जाने कितने ट्रस्ट हैं जिनके पास अरबों रुपये की संपत्ति है। उन्होंने यह विधेयक लाने के लिए सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इससे यह धन सरकारी खजाने में आएगा और निवेश में मदद मिलेगी। उन्होंने वक्फ बोर्डों के पास अरबों रुपये की संपत्ति होने का दावा करते हुए सरकार से उस पर भी विचार करने को कहा। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि वक्फ की जो संपत्ति गरीबों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होनी चाहिए थी आज वह अतिक्रमण की शिकार है।

शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि ट्रस्टों की करोड़ों की जायदाद का फायदा आम आदमी को मिलना चाहिए। तेलुगू देशम पार्टी के रविन्द्र बाबू ने सरकार से मांग की कि विभिन्न न्यासों को मिलने वाले धन की जांच की जानी चाहिए क्योंकि ये न्यास काले धन को छुपाने की शरणस्थली भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यासों की संपदा का इस्तेमाल समाज कल्याण योजनाओं में हो।

राजद से निष्कासित पप्पू यादव ने मंदिरों, मठों और न्यासों के पास सर्वाधिक काला धन होने का दावा करते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को एक मजबूत कानून बनाने की जरूरत है। वाईएसआर कांग्रेस के एम.राजामोहन रेड्डी ने ट्रस्टों के धन को निवेश करने के लिए सतत निगरानी की जरूरत है। उन्होंने देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की निगरानी की जरूरत भी बताई। इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर, सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसेबिलिटी) के धन को अन्यत्र कार्यों में इस्तेमाल कर लेता है जिस पर सरकार द्वारा नजर रखे जाने की जरूरत है। संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: संसद, लोकसभा, बहस, मंदिर, वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट, करोड़ों की संपदा, भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक
OUTLOOK 09 December, 2015
Advertisement