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06 May 2016

अगस्तावेस्टलैंड की गंंगा कहां तक जाती है, इसका पता लगा रहे हैं : पर्रिकर

लोकसभा में अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदा 2013 में कथित अनियमितताओं के बारे में कोर्ट आॅफ अपील मिलान, इटली द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे के बारे में रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा जांच उन पर केंद्रित होगी जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है।
पर्रिकर ने कहा कि शर्त में हेलीकाप्टर के केबिन की उंचाई 1.8 मीटर करने की शर्त अनिवार्य रूप से डाली गई और यह जानबूझकर किसी कंपनी को बाहर करने के उद्देश्य से किया गया। इस शर्त के कारण वेंडर आधार सिकुड़ गया। इसके साथ ही अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर दो मानदंडों को पूरा नहीं किया, फिर भी विशेष तौर पर उसे छूट दी गई। निविदा दस्तावेज एक कंपनी को दिये गये, जबकि निविदा दस्तावेज दूसरी कंपनी ने भरे। तब की सरकार ने भ्रष्टाचार का मामला आने के बाद कंपनी को लिखने की बजाए उच्चायोग से सम्पर्क किया। उन्होंने कहा कि इस सौदे में 50.7 मिलियन यूरो की बैंक गारंटी की राशि अभी भी अटकी पड़ी हुई है।
कांग्रेस एवं गांधी परिवार पर परोक्ष निशाना साधते हुए पर्रिकर ने कहा,  हमने पहले ही कदम उठाया है। अभी जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, वे छोटे लोग है। त्यागी, खेतान ने तो बहती गंगा में हाथ धो लिया। हम यह पता लगा रहे हैं कि गंगा कहां जाती है। कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच अपना प्रहार जारी रखते हुए रक्षा मंत्राी ने कहा,  मैंने किसी के उपर कोई आरोप नहीं लगाए। किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन जो अरबी खाते हैं, उनके गले में ही खुजली होती है। इन्हें पता है कि गंगा कहां बह कर जाती है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर फिनमैकेनिका के सीईओ को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तत्कालीन संप्रग सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है। इस बारे में तत्कालीन सरकार ने जो कार्रवाई की, वह परिस्थिति के कारण मजबूरी में की गई कार्रवाई थी।

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TAGS: अगस्ता वेस्टलैंड सौदे, पूर्ववर्ती संप्रग सरकार, तीखा प्रहार, रक्षा मंत्राी मनोहर पर्रिकर, पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, गौतम खेतान, agustawestland chopper, manohar parrikar, defence, scam, loksabha
OUTLOOK 06 May, 2016
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