बिहार में सियासी हलचल: भाजपा, जद(यू) और राजद की बैठकों के बीच दिल्ली में अमित शाह से मिले चिराग पासवान
बिहार में राजनीतिक हलचल कम होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को जद(यू), भाजपा और राजद की अलग अलग बैठकों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उनसे मुलाकात की और कहा कि गठबंधन को लेकर स्थिति काफी सकारात्मक है।
आज शाह के आवास पर हुई बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। बैठक के बाद, पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर अगले कुछ दिनों में अधिक स्पष्टता सामने आएगी।
उन्होंने कहा, "यह जानना महत्वपूर्ण था कि आज बिहार में क्या हो रहा है। इस मुद्दे पर, मैंने आज अमित शाह और जेपी नड्डा जी के साथ बैठक की। मैंने बिहार पर अपनी चिंताओं को उनके सामने रखा है। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर आश्वासन दिया है। गठबंधन को लेकर सरकार काफी सकारात्मक है।"
बिहार के संकट पर उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी और उसके बाद हमारी पार्टी कोई स्टैंड लेगी। हम आज एनडीए का हिस्सा हैं।" इस बीच बिहार की राजधानी पटना में भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक भी सुर्खियों में है।
Lok Janshakti Party (Ram Vilas) president Chirag Paswan says, "It was important to know what is happening in Bihar today. On this issue, I held a meeting with Amit Shah and JP Nadda ji today. I have kept my concerns before them over Bihar. They have given assurance on various… pic.twitter.com/4o6tq5ATTw
— ANI (@ANI) January 27, 2024
बैठक में बिहार के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, बीजेपी बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी शामिल हुए। वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना स्थित आवास पर पहुंचे।
साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कई नेता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे। विजय कुमार मंडल, ललित कुमार यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, बिहार के कानून मंत्री शमीम अहमद और बिनोद जयसवाल ने पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री के आवास का दौरा किया।
जद(यू) नेता केसी त्यागी ने कहा, ''कांग्रेस के गैरजिम्मेदाराना और अड़ियल रवैये के कारण भारत गठबंधन टूटने की कगार पर है।" बता दें कि सन 2000 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 'जंगल राज' के खिलाफ अभियान चलाने के बाद नीतीश पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। अब तक वह आठ बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं।
2013 में, भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद 17 साल के गठबंधन के बाद नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया। उन्होंने मोदी के पीएम चुने जाने को लेकर बीजेपी से नाराजगी जाहिर की और भाजपा द्वारा अपना निर्णय नहीं बदलने के निर्णय के बाद, कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया।
गौरतलब है कि 2017 में, नीतीश ने राजद और कांग्रेस के साथ एक महागठबंधन बनाया और 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में लौटे। वह राजद पर भ्रष्टाचार और राज्य में शासन का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए 2017 में महागठबंधन से बाहर चले गए। 2022 में, नीतीश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से नाता तोड़ लिया और आरोप लगाया कि बीजेपी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और जद(यू) विधायकों को उनके खिलाफ बगावत करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। यह कदम कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनावों के साथ-साथ 2025 में बिहार विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है। इस बीच शुक्रवार और आज शनिवार को दो समारोहों के मौके पर नीतीश कुमार की भाजपा नेताओं के साथ मौजूदगी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की गैर मौजूदगी भी चर्चाओं का विषय है।