राहुल गांधी का दावा, पंजाब में नशे की समस्या आज भी है, सख्त कार्रवाई की जरूरत
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पंजाब में मादक पदार्थों से जुड़ी समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह संकट आज भी मौजूद है और लगातार बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने इस समस्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत बतायी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बाद राहुल गांधी कांग्रेस के दूसरे ऐसे शीर्ष नेता हैं जिन्होंने पंजाब में मादक पदार्थों की समस्या का विषय उठाया है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है जो कांग्रेस के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है लेकिन पंजाब में दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
लुधियाना से कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने अपनी पार्टी के चुनावी वादों का भी उल्लेख किया जिसमें महालक्ष्मी योजना, किसानों के लिए ऋण माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करना शामिल है।
राहुल गांधी ने मादक पदार्थों के खतरे का मुद्दा उठाया और कहा, ‘‘पंजाब में नशे की समस्या आज भी मौजूद है और यह बढ़ती जा रही है। इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। पंजाब को नशे के खिलाफ पूरी आक्रामकता के साथ लड़ना चाहिए।’’
कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘इसके कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। किसान जमीन बेचने के बाद अपने बच्चों को इस डर से विदेश भेज रहे हैं कि कहीं वे नशे के शिकार न हो जाएं। रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होने के कारण हर कोई पलायन करने को मजबूर है।’’
राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में वापस आयी तो संविधान को खत्म कर देगी। कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पहली बार किसी पार्टी और उसके नेताओं ने कहा है कि अगर वे चुनाव जीतते हैं तो संविधान बदल देंगे और संविधान को खत्म कर देंगे।’’ उन्होंने संविधान की एक प्रति लहराते हुए कहा कि यह कोई किताब नहीं, बल्कि गरीबों की आवाज है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ''चाहे आरक्षण हो, सार्वजनिक क्षेत्र हो या गरीबों का अधिकार हो। आपको जो भी मिलता है, वह संविधान से मिलता है और भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है।" प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए गांधी ने कहा कि उन्होंने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के बारे में 'झूठ' बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सिर्फ "अडानी जी और अंबानी जी" को फायदा पहुंचाने के लिए नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के जरिए छोटे व्यापारियों और छोटे-मध्यम व्यवसायों को "खत्म" कर दिया है।
उन्होंने दावा किया कि हालात ऐसे हैं कि देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए उन्होंने इसे जवानों और सेना पर एक 'हमला' बताया और आरोप लगाया, ‘‘वे (सरकार) देश के जवानों का अपमान कर रहे हैं।’’
राहुल गांधी का कहना था, ‘‘वे इस योजना से दो तरह के शहीद बनाना चाहते हैं। एक शहीद को पेंशन और शहीद का दर्जा मिलेगा, जबकि एक अग्निवीर को छह महीने का प्रशिक्षण देकर मजदूर बना दिया गया है और उसे शहादत के बाद कोई पेंशन या मुआवजा नहीं मिलेगा। यहां तक कि शहीद का दर्जा भी नहीं मिलेगा।।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सेना का अपमान है और हम चार जून को अग्निवीर योजना को उखाड़ फेंकेंगे और कूड़ेदान में फेंक देंगे।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों के लिए ‘‘काले कानून (अब निरस्त कृषि कानून) लाए। उन्होंने मजदूरों, छोटे व्यापारियों के लिए कुछ नहीं किया, उल्टे उनकी नीतियों से बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी।’’ राहुल गांधी ने मोदी पर 22 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सभी हवाई अड्डे, बंदरगाह, बुनियादी ढांचे, सौर ऊर्जा और रक्षा उद्योग को ‘‘अडाणी जैसे लोगों" को सौंप दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार थी, तो उसने किसानों का लगभग 70,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया था।कांग्रेस नेता ने आश्वासन देते हुए कहा, ‘‘जैसे ही इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी, उसका पहला काम कृषि ऋण माफ करना होगा।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी रक्षा की जानी चाहिए।’’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘किसानों ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग की। लेकिन मोदी जी (प्रधानमंत्री) खुले तौर पर कहते हैं कि वह कानूनी गारंटी नहीं देंगे।’’ उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यह किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं की आवाज है।