पार्टी के सात विधायकों, छह विधान पार्षदों और राज्यसभा के एक सदस्य ने हाल में दलबदल कर कांग्रेस का दामन थाम लिया।बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे केटीआर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन सभी से मिलेंगे जो संविधान के संरक्षक हैं।’’
उन्होंने निर्वाचन आयोग, राष्ट्रपति, राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क करने के पार्टी के इरादे को जाहिर किया।बीआरएस नेता ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वर्ष 2023 के चुनावों में दलबदल पर अंकुश लगाने के लिए 10वीं अनुसूची में संशोधन का वादा करने के बावजूद उसने संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया।
केटीआर ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी संविधान की प्रति लहरा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी इसका अपमान कर रही है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वह संविधान की रक्षा को लेकर ऐसा अभिनय करते हैं जो उन्हें ऑस्कर पुरस्कार दिला सकता है।
उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के सभी पीड़ितों से दलबदल के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया। केटीआर ने खुलासा किया कि दलबदल कर चुके बीआरएस सदस्यों के खिलाफ एक याचिका पहले से ही तेलंगाना उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा कि 2020 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, पार्टी के दलबदल कर चुके सदस्यों की स्थिति पर निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास तीन महीने का समय है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर विधानसभा अध्यक्ष ने न्याय नहीं किया तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। हम पिछले दो दिनों से यहां कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं।’’ केटीआर ने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर चुनावी वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। हालिया दलबदल के बाद, राज्य की 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस के 31 विधायक हैं, जबकि 40 सदस्यीय विधानपरिषद में पार्टी के 22 सदस्य हैं। वहीं, संसद के उच्च सदन राज्यसभा में इसके चार सदस्य हैं।