राजस्थान: भाजपा ने बजट को कल्याणकारी तो कांग्रेस ने निराशाजनक करार दिया
राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को वित्त मंत्री दिया कुमारी द्वारा पेश किए गए बजट को कल्याणकारी बताते हुए इसका स्वागत किया। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे निराशाजनक बजट करार दिया है। वित्त मंत्री दिया कुमारी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए परिवर्तित बजट बुधवार को पेश किया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि बजट में हर वर्ग का समुचित ध्यान रखा गया है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार ने बजट पेश किया है।
शर्मा ने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि 'विकसित राजस्थान, समृद्ध राजस्थान' के निर्माण की दिशा में यह बजट अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।’’ उन्होंने कहा, "यह बजट इस विजन के साथ पेश किया गया है कि 2047 का राजस्थान कैसा हो। हमारी सरकार जनता की आशाओं, अपेक्षाओं को पूरा करेगी। राज्य सरकार पर्याप्त बिजली और पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही बजट में युवाओं, किसानों, महिलाओं और उद्योगों को शामिल किया गया है।" शर्मा ने कहा कि सरकार पांच साल चार लाख भर्तियां करेगी और इस वर्ष एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे बजट में कही गई एक एक बात को हम पूरा करेंगे क्योंकि हमारी डबल इंजन की सरकार है।” वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा, "बजट में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा गरीबों के लिये बनाई गई योजनाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।’’
जूली ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में गरीबों के लिए बनाई गईँ योजनाओं को लेकर बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। बजट में अन्नपूर्णा योजना, इंदिरा रसोई योजना, और चिरंजीवी योजना का कहीं कोई जिक्र नहीं है।” उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के बारे में बजट में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह जारी रहेगी या बंद होगी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने मिशन 2030 के तहत राजस्थान को 'नंबर वन' बनाने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने कहा, “मुझे आशा थी कि भाजपा सरकार कम से कम राजस्थान की बेहतरी के लिए इस मिशन को ध्यान में रखकर काम करेगी और विकास की बेहतरीन योजनाएं लाएगी।” गहलोत ने कहा, “आज राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए बजट का शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं लगता। हमारी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में चलाई गईं योजनाओं और किए गए कामों का बजट में कोई उल्लेख नहीं है।” पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि बजट से उम्मीद थी कि राज्य में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि केवल औपचारिकता की गई है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली और पानी सहित बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब है, खासकर कृषि क्षेत्र में। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “बजट में केवल किलों और महलों की बात की गई है। गांव, गरीब, ग्रामीण, किसान के बारे में एक शब्द भी नहीं था।” उन्होंने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार का बजट पूर्णतया दिशाहीन है। बजट भाषण थोथी घोषणाओं, झूठे तथ्यों एवं हताशा से भरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि बजट में किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य , कृषि लागत कम करने, आमजन को महंगाई से राहत देने एवं गरीब को 25 लाख तक नि:शुक्ल इलाज देने का कोई प्रयास नहीं दिखा। डोटासरा ने कहा कि बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग के साथ-साथ शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की भी उपेक्षा की गई।
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह बजट जन-जन की आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा करने वाला है, यह बजट आपणो अग्रणी राजस्थान के संकल्पों को धरातल पर साकार करेगा एवं नये व सशक्त राजस्थान के निर्माण की नींव रखते हुए राज्य के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान 2047 के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में 10 संकल्पों पर आधारित बजट 2024-25 में हर सेक्टर का विशेष ध्यान रखते हुए प्रत्येक वर्ग को सौगातें प्रदान की गई हैं।