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13 November 2023

राजस्थान चुनाव: चार सीटों पर एक ही परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में

आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर बेहद ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है जहां एक ही परिवार के चार लोग एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं। यहां एक पति अपनी पत्नी के खिलाफ, जीजा अपनी साली के खिलाफ और भतीजी अपने चाचा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

सीकर की दांता रामगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहीं रीता चौधरी ने सोमवार को पीटीआई को बताया कि ”मैं अपने चुनाव प्रचार अभियान में महिला सशक्तिकरण और पेयजल जैसे मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हूं।”
उन्हें हरियाणा स्थित जननायक जनता पार्टी ने सीकर की दांतारामगढ़ सीट से मैदान में उतारा है। उनके पति वीरेंद्र चौधरी मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं और इसी सीट से उन्हें चुनौती दे रहे हैं। चौधरी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सात बार के विधायक नारायण सिंह के बेटे हैं।

परिवार परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ रहा है, लेकिन इसमें राजनीतिक विभाजन तब हुआ जब रीता चौधरी इस साल अगस्त में जेजेपी में शामिल हो गईं और उन्हें जेजेपी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने की उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं क्योंकि पार्टी ने उनके पति वीरेंद्र को चुना। इसके बाद रीटा ने अपना राजनीतिक आधार मजबूत करना शुरू कर दिया। रीटा ने कहा कि दांता रामगढ में लोग बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा, ”चूंकि मैं लोगों के बीच सक्रिय रही हूं, इसलिए मुझे विश्वास है कि मैं चुनाव में यह सीट जीतूंगी।” धौलपुर विधानसभा सीट पर एक ही परिवार के दो सदस्यों के बीच मुकाबले में दिलचस्पी इस बात से बढ़ गई है कि दोनों नेताओं ने पार्टियां बदल ली हैं।

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शोभारानी कुशवाह ने 2018 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के डॉ शिवचरण कुशवाह को हराकर सीट जीती थी। शिवचरण की भाभी शोभारानी को पिछले साल जून में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। इस बार कांग्रेस ने शोभारानी को टिकट दिया है तो भाजपा ने शिवचरण को मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा कि “रिश्ते और राजनीतिक मुकाबले पूरी तरह से अलग-अलग पहलू हैं और उनकी अपनी जगह है। इसलिए, चुनावी लड़ाई के दौरान, हम अपने राजनीतिक दलों के उम्मीदवार हैं, न कि ‘जीजा’ और ‘साली’।”

शोभारानी ने 2017 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव जीता था। उनके पति बीएल कुशवाह, जिन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव बसपा उम्मीदवार के रूप में जीता था उन्हें दिसंबर 2016 में एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। नागौर और खेतड़ी सीट पर चाचा अपनी भतीजियों के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।नकांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुईं और उन्हें नागौर में पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया, जबकि कांग्रेस ने उनके चाचा हरेंद्र मिर्धा को अपना उम्मीदवार चुना है। इसी तरह झुंझुनू जिले की खेतड़ी सीट पर धर्मपाल गुर्जर, उनके भाई दाताराम गुर्जर और दाताराम की बेटी मनीषा गुर्जर भाजपा से टिकट की दौड़ में थे।

भाजपा द्वारा धर्मपाल गुर्जर को चुने जाने के बाद, मनीषा ने बगावत कर दी और कांग्रेस में शामिल हो गईं, जिससे उन्हें इस सीट से पार्टी का टिकट मिल गया। 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 1875 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 183 महिलाएं और 1,692 पुरुष शामिल है।

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TAGS: Assembly election, Rajasthan, BJP, Congress, Politics
OUTLOOK 13 November, 2023
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