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22 April 2015

आप रैली में किसान आत्महत्या

त्रिभुवन तिवारी

रैली में गोंडा से आए किसान दिग्गज पांडे, मनीष सिंह और संजय कुमार पाठक ने उसे आत्महत्या करते हुए देखा। यह पूछे जाने पर कि अगर उन्होंने उसे ऐसा करते देखा तो रोका क्यों नहीं ?, इसपर दिग्गज सिंह कहते हैं कि ‘ हमने सोचा कि वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है और पेड़ पर बैनर लगाने चढ़ रहा है। पुलिस भी वहीं खड़ी थी। किसी को भी ऐसा अंदाजा नहीं था। उस किसान के चेहरे पर न तो शिकन थी न डर। वह खुश सा लग रहा था और वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। पेड़ पर उसने झाड़ू भी लहराया था। ’

मनीष सिंह कहते हैं ‘उसने अपने अंगोछे का फंदा बनाया और पेड़ की डाल से पांव छोड़ दिया। इतने में दो लड़के पेड़ पर उसे बचाने के लिए चढ़े भी लेकिन तब तक वह मर चुका था।’ मनीष का कहना है कि मंच से बताया गया कि मरने वाले किसान बेहद गरीब था और उसके पिता ने उसे घर से निकाल दिया था। मरने वाले किसान के तीन बच्चे हैं। घर के  आर्थिक हालात इतने  खराब हैं कि उसके घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं है। मृतक की जेब से एक चिट्ठी भी मिली है। मौजूद लोगों के अनुसार चिट्ठी में मृतक किसान कहना चाह रहा था कि मरना तो उसे है ही। घर जाएगा तो साहूकार के हाथों मरेगा।   

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TAGS: आम आदमी पार्टी, किसान रैली, किसान आत्महत्या, जंतर-मंतर, पुलिस
OUTLOOK 22 April, 2015
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