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10 September 2025

नोटिस स्वीकार करें, विपक्ष को सेंसर न करें: तृणमूल सांसद की नए उपराष्ट्रपति से अपील

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने बुधवार को कहा कि भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन को विपक्षी दलों द्वारा दिए गए नोटिस स्वीकार करने चाहिए, न कि उन पर रोक लगानी चाहिए।

ओब्रायन ने एक लंबे ब्लॉगपोस्ट में कहा कि राधाकृष्णन, जिन्हें मंगलवार को राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था, को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ज्यादा विधेयक अध्ययन के लिए संसदीय समितियों को भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सदस्यों का निलंबन नहीं होना चाहिए।

 

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राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएं। नए उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा के सभापति भी होंगे, के लिए आठ सुझाव।’’

 

तृणमूल नेता ने कहा कि विपक्षी सांसदों को केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराने का एक महत्वपूर्ण जरिया महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस देना है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘2009 से 2016 के बीच आठ वर्षों में, राज्यसभा में चर्चा के लिए 110 नोटिस स्वीकार किए गए। अगले आठ वर्षों में, 2017 से 2024 के बीच, यह संख्या घटकर मात्र 36 रह गई।’’

 

ओब्रायन ने कहा कि राज्यसभा के नियम 267 के अनुसार, कोई भी सदस्य सभापति से उस दिन के लिए सूचीबद्ध कार्य स्थगित करने और उसके बजाय राष्ट्रीय महत्व के किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा कराने का अनुरोध कर सकता है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘वेंकैया नायडू और जगदीप धनखड़ के कार्यकाल में, आठ वर्षों में, इस नियम के तहत एक भी चर्चा की अनुमति नहीं दी गई।’’

 

तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि दिसंबर 2023 में 146 सांसदों को संसद से निलंबित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध रिकॉर्ड है। संदर्भ के लिए, संप्रग-1 और संप्रग-2 के 10 वर्षों के दौरान, कुल 50 सांसदों को निलंबित किया गया था।’’

 

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा में उप-सभापति के पैनल को किसी ‘सुविधा’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, और केवल उन्हीं सांसदों को इस दायित्व के लिए चुना जाना चाहिए जिनके पास पर्याप्त अनुभव हो।

 

ओब्रायन ने कहा, ‘‘नामों की घोषणा से पहले, जिस राजनीतिक दल में वे हैं, उससे (अनौपचारिक रूप से) परामर्श किया जाना चाहिए।’’

 

उनके अनुसार, संसद के अंदर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के दृश्य सरकारी संसद टीवी पर नहीं दिखाए जाते हैं। विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों को सेंसर नहीं किए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने पूछा, ‘‘कार्यवाही के कैमरे और ऑनलाइन संपादन केवल सत्ता पक्ष को ही दिखाते हैं। क्या यह उचित है?’’

 

उन्होंने कहा कि राज्यसभा के नए सभापति को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिक से अधिक विधेयक संसदीय समितियों को भेजे जाएं।

 

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TAGS: Accept the notice, Trinamool MP, New Vice President
OUTLOOK 10 September, 2025
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